ओबीसी आरक्षण को मिली सुप्रीम कोर्ट से हरी झंडी, सीएम शिवराज ने बताया ऐतिहासिक दिन
सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण पर बुधवार को हरी झंडी दे दी है. कोर्ट ने कहा, राज्य चुनाव आयोग एक हफ्ते में पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी करे.
मध्यप्रदेश में ओबीसी आरक्षण के साथ ही पंचायत और स्थानीय निकाय चुनाव होंगे. सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण पर बुधवार को हरी झंडी दे दी है. कोर्ट ने कहा, राज्य चुनाव आयोग एक हफ्ते में पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी करे. इससे पहले 10 मई को सुप्रीम कोर्ट ने बगैर ओबीसी आरक्षण के ही चुनाव कराने को कहा था, जिसपर राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में संशोधन याचिका दायर करते हुए ओबीसी आरक्षण के साथ पंचायत चुनाव कराने की बात कही थी.
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कांग्रेस पर सीएम शिवराज का निशाना
सुप्रीम कोर्ट से हरी झंडी मिलते ही सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कोर्ट को धन्यवाद दिया और इसे मध्यप्रदेश के लिए ऐतिहासिक दिन बताया. उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस और कमलनाथ हमेशा षड्यंत्र ही करते रहे, कभी भी उनकी नीयत ओबीसी को न्याय देने की नहीं थी. कमलनाथ जी, अब ओबीसी बहुत समझदार है, आपने जो पाप किया है वह जनता जान गयी है.
कांग्रेस और कमलनाथ हमेशा षड्यंत्र ही करते रहे, कभी भी उनकी नीयत ओबीसी को न्याय देने की नहीं थी।
मैं आज पूछ रहा हूं कमलनाथ जी क्यों आपके एडवोकेट जनरल ओबीसी के लिए 27% आरक्षण की बात थी तो कोर्ट में खड़े नहीं हुए?कमलनाथ जी, अब ओबीसी बहुत समझदार है, आपने पाप किया है वह जान गया है। pic.twitter.com/tsIGr9KABi
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) May 18, 2022
ओबीसी आरक्षण को लेकर सदन में लड़ी लड़ाई
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी स्वागत किया है. कमलनाथ ने कहा है कि हम पहले दिन से ही कह रहे थे कि मध्यप्रदेश में बगैर ओबीसी आरक्षण के पंचायत व नगरीय निकाय के चुनाव नहीं होना चाहिेए, सरकार इसको लेकर सभी आवश्यक कदम उठाये. हमने ओबीसी आरक्षण को लेकर सदन में भी लड़ाई लड़ी थी और उसके बाद सदन में सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव भी पारित हुआ था कि मध्यप्रदेश में ओबीसी आरक्षण के बगैर पंचायत व नगरीय निकाय चुनाव नहीं होना चाहिये.
हम पहले दिन से ही कह रहे थे कि मध्यप्रदेश में बगैर ओबीसी आरक्षण के पंचायत व नगरीय निकाय के चुनाव नहीं होना चाहिये, सरकार इसको लेकर सभी आवश्यक कदम उठाये।
हमने ओबीसी आरक्षण को लेकर सदन में भी लड़ाई लड़ी थी और उसके बाद सदन में सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव भी पारित हुआ था कि
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) May 18, 2022
कमलनाथ के निशाने पर शिवराज
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर निशाना साधते हुये कहा, ओबीसी वर्ग से उनका जो हक छिना गया था, उसकी दोषी शिवराज सरकार थी. यदि सरकार सुप्रीम कोर्ट के निर्णय अनुसार समय पर ट्रिपल टेस्ट की सम्पूर्ण प्रक्रियाओं का पालन कर देती, आधी-अधूरी रिपोर्ट कोर्ट में पेश नहीं करती तो यह अप्रिय स्थिति कभी भी नहीं बनती लेकिन शिवराज सरकार ओबीसी वर्ग का हक छीन जाने के बाद नींद से जागी. आज सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश में ओबीसी आरक्षण के मामले में राहत प्रदान करने का निर्णय दिया है, उसका हम स्वागत करते हैं लेकिन हमारी सरकार द्वारा 14% से बढ़ाकर 27% किये गए ओबीसी आरक्षण का पूरा लाभ ओबीसी वर्ग को अभी भी नहीं मिलेगा क्योंकि निर्णय में यह उल्लेखित है कि आरक्षण 50% से अधिक नहीं होना चाहिए.