कोविड-19 : इंदौर में तेजी से ठीक हो रहे हैं कोरोना के मरीज, 44 नये मामले सामने आये, अब तक 182 मरीजों की मौत
Coronavirus in Indore : देश में कोविड-19 से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में शामिल इंदौर में पिछले 24 घंटे के दौरान इस महामारी के 44 नये मामले सामने आये हैं. इसके साथ ही जिले में संक्रमितों की कुल तादाद 4,090 से बढ़कर 4,134 हो गयी. इसके साथ ही इंदौर में मरीजों के ठीक होने की दर काफी बढ़ गयी है. स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी.
इंदौर (मध्यप्रदेश) : देश में कोविड-19 से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में शामिल इंदौर में पिछले 24 घंटे के दौरान इस महामारी के 44 नये मामले सामने आये हैं. इसके साथ ही जिले में संक्रमितों की कुल तादाद 4,090 से बढ़कर 4,134 हो गयी. इसके साथ ही इंदौर में मरीजों के ठीक होने की दर काफी बढ़ गयी है. स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी.
उन्होंने बताया, ‘हमें पिछले 24 घंटे के दौरान 1,687 नमूनों की जांच में कोविड-19 के 44 नये मरीज मिले हैं.’ अधिकारी ने बताया कि संक्रमित होने के बाद अलग-अलग अस्पतालों में इलाज के दौरान 83 वर्षीय महिला और 75 वर्षीय पुरुष समेत चार और मरीजों की मौत हो गयी. बहरहाल, स्वास्थ्य विभाग की ओर से इस बात का खुलासा नहीं किया गया है कि इन मरीजों की मौत किस तारीख को हुई.
मौत के चार और मामलों का ब्योरा दिये जाने के बाद जिले में कोविड-19 की चपेट में आकर दम तोड़ने वाले मरीजों की तादाद बढ़कर 182 पर पहुंच गयी है. अधिकारी ने बताया कि इलाज के बाद संक्रमण मुक्त होने पर अब तक जिले के 3,048 लोगों को अस्पतालों से छुट्टी दी जा चुकी है.
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सरकारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि जिले में मरीजों के उपचार के बाद उनके इस महामारी से उबरने की दर (रिकवरी रेट) बुधवार सुबह की स्थिति में करीब 73 प्रतिशत थी, जबकि उनकी मृत्यु दर 4.4 फीसद दर्ज की गयी. आंकड़ों के मुताबिक, जिले में कोविड-19 के नये मरीजों की तादाद में पिछले 16 दिनों में कमी आयी है. लेकिन, इनकी मृत्यु दर राष्ट्रीय औसत से ज्यादा बनी हुई है.
कोविड-19 का प्रकोप कायम रहने के कारण इंदौर जिला अब भी रेड जोन में ही है. जिले में इस प्रकोप की शुरुआत 24 मार्च, 2020 से हुई, जब पहले चार मरीजों में इस महामारी की पुष्टि हुई थी. सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद मध्यप्रदेश के इस जिले को रेड जोन से बाहर लाने में अब तक सफलता नहीं मिली है.
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Posted By : Mithilesh Jha