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कोरोना के कारण मध्य प्रदेश में कैदियों को मिलेगी 120 दिनों की आपात छुट्टी

भोपाल : मध्य प्रदेश सरकार (Madhya Pradesh government ) कोरोना वायरस (Kovid-19) महामारी के मद्देनजर जेलों (jails) में भीड़ कम करेगी. भीड़ कम करने के लिए राज्य सरकार कैदियों (Prisoners) को एक बार में अधिकतम 120 दिनों की आपात छुट्टी देगी. इससे पहले सजायाफ्ता (convicted prisoners) कैदियों को अधिकतम 60 दिनों के पैरोल पर रिहा किया जाता था, जबकि विचाराधीन कैदियों को अधिकतम 45 दिनों की अंतरिम जमानत दी जाती थी. यह भी कोविड-19 की महामारी के कारण इस साल 29 मार्च को लागू किया गया था.

By Agency | May 16, 2020 7:31 AM
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भोपाल : मध्य प्रदेश सरकार (Madhya Pradesh government ) कोरोना वायरस (Kovid-19) महामारी के मद्देनजर जेलों (jails) में भीड़ कम करेगी. भीड़ कम करने के लिए राज्य सरकार कैदियों (Prisoners) को एक बार में अधिकतम 120 दिनों की आपात छुट्टी देगी. इससे पहले सजायाफ्ता (convicted prisoners) कैदियों को अधिकतम 60 दिनों के पैरोल पर रिहा किया जाता था, जबकि विचाराधीन कैदियों को अधिकतम 45 दिनों की अंतरिम जमानत दी जाती थी. यह भी कोविड-19 की महामारी के कारण इस साल 29 मार्च को लागू किया गया था.

एक बार में अधिकतम 120 दिनों की आपात छुट्टी

मध्य प्रदेश जेल विभाग के उपसचिव मनोज खत्री द्वारा 13 मई को जारी आदेश में कहा गया है कि महामारी के खतरे एवं प्राकृतिक आपदा जैसी आपात स्थितियों की दशा में या किसी अन्य परिस्थिति में जो जेल के बंदियों की संख्या को तत्काल कम करने का समर्थन करती है. इसके तहत बंदी को एक बार में अधिकतम 120 दिनों के लिए आपात छुट्टी की पात्रता होगी. इसमें कहा गया है कि ऐसे बंदी द्वारा जेल के बाहर व्यतीत की गई इस आपात छुट्टी की अवधि की गणना, बंदी के कुल दंडादेश की अवधि में शामिल किया जायेगा. गौरतलब है कि कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर मार्च के दूसरे पखवाडे़ में उच्चतम न्यायालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया था कि वे उच्च स्तरीय समितियों का गठन कर जेलों में भीड़ कम करने के लिए सात साल की जेल की अवधि वाले कैदियों और विचाराधीन कैदियों को पैरोल या अंतरिम जमानत पर रिहा करने पर विचार करे. इसके बाद मध्य प्रदेश सरकार ने जेलों में भीड़ कम करने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया, जिसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 29 मार्च को कोविड-19 महामारी को दृष्टिगत रखते हुए मानवीय आधार पर प्रदेश की जेलों में बंद 8,000 कैदियों को राहत देने का निर्णय लिया था.

सात हजार कैदी रिहा

मध्य प्रदेश जेल विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को समाचार एजेंसी भाषा को बताया कि इसके बाद हमने तब करीब 7,000 कैदियों को रिहा किया था, जिनमें से करीब 4,000 बंदियों को 60 दिन के पैरोल पर रिहा किया था, जबकि अन्य करीब 3,000 विचाराधीन बंदियों को 45 दिन की अंतरिम जमानत पर रिहा किया गया था. उन्होंने कहा कि प्रदेश में लगातार बढ़ रहे कोविड-19 के संक्रमितों की संख्या को ध्यान में रखते हुए समिति ने हाल ही में इन कैदियों के रिहा की अवधि 45 दिन और बढ़ाने की सिफारिश की. इसे मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने भी मान लिया, जिसके बाद राज्य सरकार ने रिहा किये गये इन 7,000 कैदियों की अवधि 45 दिन और बढ़ा दी है. पिछले साल जुलाई में राज्य विधानसभा में पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक मध्य प्रदेश की जेलों में 28,601 कैदी रखने की क्षमता है, जबकि 42,057 कैदी हैं. मध्य प्रदेश में 125 जेल हैं.

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