भोपाल/बेंगलुरु : बेंगलुरु के एक रिसोर्ट में ठहरे मध्यप्रदेश कांग्रेस के बागी विधायकों का कहना है कि वे पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह से नहीं मिलना चाहते. दिग्विजय सिंह लगातार उनसे मिलने का प्रयास कर रहे हैं. विधायकों से मिलने की कोशिश में बुधवार (18 मार्च, 2020) की सुबह रिसोर्ट के पास पहुंचे दिग्विजय सिंह को पुलिस ने हिरासत में लिया था.
हालांकि, थोड़े समय बाद उन्हें रिहा कर दिया गया. मध्यप्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री रहे दिग्विजय सिंह ने प्रदर्शन करते हुए पुलिस पर उन्हें विधायकों से नहीं मिलने देने का आरोप लगाया. सिंह, कर्नाटक कांग्रेस के प्रमुख डीके शिवकुमार के साथ विधायकों से मिलने के लिए शीर्ष पुलिस अधिकारियों से मुलाकात भी कर रहे हैं.
उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा पर विधायकों से मिलने के उनके प्रयासों में बाधा डालने का आरोप भी लगाया है.
सुमावली से कांग्रेस के बागी विधायक अदल सिंह कसाना ने एक ‘वीडियो संदेश’ में कहा, ‘ हम यहां अपनी मर्जी से आये हैं. हमें कुछ लोगों से पता चला है कि मध्यप्रदेश से दिग्विजय सिंह सहित कुछ नेता और विधायक हमसे मिलने यहां आये हैं. हम किसी से बात नहीं करना चाहते.’
उन्होंने कहा, ‘हमने पिछले एक साल में सबसे बात करने की बहुत कोशिश की, जब उन्होंने एक साल तक हमारी नहीं सुनी, तो अब वे एक दिन में हमारी क्या सुनेंगे? हम बस यह कहना चाहते हैं कि हम अपनी मर्जी से यहां आये हैं और अपनी मर्जी से ही वापस जायेंगे.’
अन्य बागी विधायक अदल गोविंद सिंह राजपूत ने भी कहा कि वे अपनी मर्जी से आये हैं और किसी से मिलना नहीं चाहते. उन्होंने भी एक वीडियो संदेश जारी करके अदल सिंह कसाना की तरह अपनी बात कही.
राजपूत ने कहा, ‘हमें पता चला है कि दिग्विजय सिंह कुछ मंत्रियों और नेताओं के साथ आये हैं. बेवजह प्रवेश द्वार पर वे कह रहे हैं कि उन्हें हमसे मिलना है. जबकि कोई विधायक उनसे मिलना नहीं चाहता. उन्हें यह सब नहीं करना चाहिए. सभी विधायकों ने अपना इस्तीफा दे दिया है.’
ऐसा कहा जा रहा है कि 22 बागी विधायक अभी यहां शहर में हैं. वहीं दिग्विजय सिंह ने कहा कि वह विधायकों से मिलना चाहते हैं, जो कि मध्यप्रदेश के राज्यसभा चुनाव में ‘मतदाता’ हैं और उनसे मुलाकात होने तक वह यहीं रहेंगे.
पुलिस आयुक्त के साथ बैठक से पहले उन्होंने कहा, ‘मुझे कोई शक नहीं है कि केंद्रीय गृह मंत्री और मुख्यमंत्री के दबाव के कारण उनसे (पुलिस आयुक्त) कोई मदद मिलेगी, वे विधायकों से मिलने नहीं देंगे, क्योंकि अगर वे मुझसे मिलेंगे, तो मेरे साथ आ जायेंगे.’
कुछ विधायकों के सिंह को संदेश (मैसेज) भेजने पर उनके यहां आने का दावा करते हुए शिवकुमार ने पूछा, ‘पुलिस हमें क्यों रोक रही है, उनके पास हमें रोकने का कोई अधिकार नहीं है. वह एक उम्मीदवार के अधिकार का हनन कर रहे हैं.’
उन्होंने कहा, ‘हमारे उम्मीदवार (सिंह) उच्च अधिकारी (पुलिस आयुक्त) से अनुरोध करना चाहते हैं, क्योंकि ये लोग (स्थानीय पुलिस) मुख्यमंत्री के इशारों पर काम कर रहे हैं. इसलिए वह उच्च अधिकारियों से अनुरोध कर रहे हैं. इसके बाद हम बाकी विकल्पों पर विचार करेंगे.’
शिवकुमार ने आरोप लगाया कि येदियुरप्पा ने सिंह के फोन का जवाब देने का शिष्टाचार भी नहीं दिखाया. उन्होंने कहा, ‘दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री से अनुरोध करने की कोशिश की, लेकिन मुख्यमंत्री ने उनके फोन का जवाब तक नहीं दिया. वरिष्ठ नेताओं के फोन का जवाब देने का शिष्टाचार तक नहीं दिखाया.’
कांग्रेस को बड़ा झटका देते हुए उसके प्रतिष्ठित युवा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पार्टी छोड़ दी और इसके बाद मध्यप्रदेश से पार्टी के 22 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया. इसके साथ 15 महीने पुरानी कमलनाथ सरकार गिरने के कगार पर पहुंच गयी है. सिंधिया 11 मार्च को भाजपा में शामिल हो गये थे.