पूर्व मंत्री के सामने घुटने टेककर धरना खत्म करने की मान-मनुहार करने वाले एसडीएम और सिटी एसपी हटाये गये
इंदौर : मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री जीतू पटवारी समेत कांग्रेस के तीन विधायकों के सामने जमीन पर घुटने टेककर उनसे धरना खत्म करने की मान-मनुहार करना अनुविभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) और सिटी एसपी को महंगा पड़ा. दोनों का तबादला कर दिया गया है. धरना कोविड-19 के प्रकोप से निबटने को लेकर सूबे की भाजपा सरकार की नीतियों के विरोध में दिया जा रहा था.
इंदौर : मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री जीतू पटवारी समेत कांग्रेस के तीन विधायकों के सामने जमीन पर घुटने टेककर उनसे धरना खत्म करने की मान-मनुहार करना अनुविभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) और सिटी एसपी को महंगा पड़ा. दोनों का तबादला कर दिया गया है. धरना कोविड-19 के प्रकोप से निबटने को लेकर सूबे की भाजपा सरकार की नीतियों के विरोध में दिया जा रहा था.
अधिकारियों ने रविवार को बताया कि प्रदेश सरकार के अलग-अलग विभागों के शनिवार देर रात जारी आदेशों में एसडीएम राकेश शर्मा और सिटी एसपी डीके तिवारी को मैदानी तैनाती से हटाते हुए उनका तबादला तत्काल प्रभाव से भोपाल कर दिया गया है.
उन्होंने बताया कि शर्मा को सामान्य प्रशासन विभाग में डिप्टी कलेक्टर के पद पर तैनात किया गया है, जबकि तिवारी को पुलिस मुख्यालय में उपाधीक्षक (डीएसपी) के पद पर तैनात किया गया है. चश्मदीदों के मुताबिक, एसडीएम और सिटी एसपी शनिवार (13 जून, 2020) को राजबाड़ा स्थित धरनास्थल पर पहुंचे थे.
वहां उन्होंने घुटने टेककर पटवारी और दो अन्य कांग्रेस विधायकों से बात की थी. दोनों अधिकारियों ने इसी मुद्रा में तीनों विधायकों से अनुरोध किया था कि वे धरना खत्म कर दें. सोशल मीडिया पर इस वाकये का वीडियो वायरल होने के बाद भाजपा के कई नेताओं ने दोनों अधिकारियों के आचरण पर आपत्ति जतायी थी.
धरना के दौरान कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया था कि कोविड-19 के प्रकोप से निबटने में राज्य सरकार नाकाम रही है और जनता को उसके हाल पर छोड़ दिया गया है. भाजपा नेताओं की आपत्ति और सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद सरकार ने दोनों अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की.