सेरो सर्वे से बनेगी कोरोना की कुंडली ! एमपी के चार जिलों में काम शुरू
Sero survey : भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कोविड-19 से जुड़े एक राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण के तहत मध्यप्रदेश में इंदौर समेत चार जिलों में कुल 1700 आम लोगों के नमूने लिये हैं जिनमें इस महामारी के सामान्य लक्षण नहीं थे. वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि इस सर्वेक्षण के परिणामों से चारों जिलों की आबादी में इस महामारी के फैलाव की सटीक जानकारी मिल सकेगी.
भोपाल : भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कोविड-19 से जुड़े एक राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण के तहत मध्यप्रदेश में इंदौर समेत चार जिलों में कुल 1700 आम लोगों के नमूने लिये हैं जिनमें इस महामारी के सामान्य लक्षण नहीं थे. वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि इस सर्वेक्षण के परिणामों से चारों जिलों की आबादी में इस महामारी के फैलाव की सटीक जानकारी मिल सकेगी.
इसके साथ ही इस अहम सवाल का भी जवाब मिल सकेगा कि समुदाय पर इस वायरस के हमले के बाद लोगों में हर्ड इम्युनिटी यानी सामूहिक प्रतिरोधक क्षमता विकसित हुई है या नहीं ? आईसीएमआर द्वारा देश के अलग-अलग हिस्सों में किये जा रहे इस सर्वेक्षण को सेरो-सर्वे नाम दिया गया है. इस सर्वेक्षण में सार्स-सीओवी-2 (वह वायरस जिससे कोविड-19 फैलता है) के प्रसार पर नजर रखने के लिये लोगों के रक्त के सीरम की जांच की जा रही है.
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मध्यप्रदेश में इस सर्वेक्षण के तहत आईसीएमआर के जबलपुर स्थित राष्ट्रीय जनजाति स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान (एनआईआरटीएच) के जरिये इंदौर समेत चार जिलों में आम लोगों के रक्त के नमूने जमा किये गये हैं. इंदौर, देश में कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में शामिल है जहां अब तक इस महामारी के 3,344 मरीज मिल चुके हैं जिनमें से 126 लोगों की मौत हो चुकी है.
एनआईआरटीएच के निदेशक अपरूप दास ने शुक्रवार को बताया कि आईसीएमआर के देशव्यापी सेरो-सर्वे के तहत इंदौर में कोविड-19 निषेध क्षेत्रों (कंटेनमेंट जोन) में ऐसे 500 लोगों के रक्त के नमूने आकस्मिक तौर पर लिये गये हैं जिनमें बुखार तथा सर्दी-जुकाम सरीखे इस महामारी के आम लक्षण नहीं थे और वे स्वस्थ नजर आ रहे थे.
उन्होंने बताया कि इस सर्वेक्षण के तहत रक्त के सीरम की जांच के बाद खासतौर पर यह पता चल सकेगा कि अगर संबंधित व्यक्ति सार्स-सीओवी-2 के हमले का शिकार हुए हैं, तो उनके रोग प्रतिरोधक तंत्र ने किस तरह की प्रतिक्रिया दी है और उनके रक्त में इस वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी विकसित हुई हैं या नहीं?
जाहिर है कि इससे हर्ड इम्युनिटी के बारे में भी जानकारी मिल सकेगी. दास ने बताया कि इन दिनों प्रदेश भर में कोविड-19 के ऐसे मामले बड़ी तादाद में सामने आ रहे हैं जिनमें मरीजों में इस महामारी के आम लक्षण दिखायी नहीं देते, जबकि कई अन्य संक्रमितों में इसके सामान्य लक्षण नजर आते हैं. लिहाजा वैज्ञानिक समुदाय पता लगाने का प्रयास कर रहा है कि क्या यह स्थिति लोगों की व्यक्तिगत प्रतिरोधक क्षमता में अंतर के कारण है?
एनआईआरटीएच के निदेशक ने बताया कि आईसीएमआर के देशव्यापी सेरो-सर्वे के तहत राज्य में इंदौर के 500 लोगों के नमूनों के साथ ही देवास, उज्जैन और ग्वालियर जिलों में 400-400 लोगों के रक्त के नमूने लिये गये हैं. इन सभी नमूनों को जांच के लिये आईसीएमआर के चेन्नई स्थित एक संस्थान को भेज दिया गया है.
Posted By : Avinish Kumar Mishra