भोपाल : मध्य प्रदेश में शिवराज मंत्रिमंडल विस्तार पर विवाद शुरू हो गया है. कांग्रेस ने मंत्रिमंडल विस्तार में मंत्रियों की संख्या पर सवाल उठाना शुरू कर दिया है. कांग्रेस ने कहा है कि शिवराज सिंह चौहान ने अपने कैबिनेट विस्तार में कानून से ऊपर जाकर मंत्रियों की शपथ दिला दी, जो कि गलत है.
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने ट्वीट कर कहा है कि शिवराज सिंह चौहान ने फिर से मंत्रिमंडल विस्तार संविधान के नियमों का पालन नहीं किया है. तन्खा ने आगे कहा है कि कांग्रेस पार्टी इस गैरकानूनी मंत्रिमंडल के खिलाफ कोर्ट जाएगी.
क्या है मामला- कांग्रेस नेता विवेक तन्खा के मुताबिक सदन में विधायकों की कुल संख्या के 15 फीसदी ही मंत्री बनाए जा सकते हैं, मध्य प्रदेश मे कुल 230 विधानसभा सीट है, जिसमें 24 सीट रिक्त है. 206 सीट के हिसाब से मंत्रिमंडल में 31 मंत्री हो सकते हैं. शिवराज सरकार में वर्तमान में सीएम सहित 34 मंत्री है.
कल इन्होंने ली शपथ- गोपाल भार्गव(कैबिनेट), विजय शाह (कैबिनेट), जगदीश देवड़ा (कैबिनेट), प्रेम सिंह पटेल (कैबिनेट), यशोधरा राजे (कैबिनेट), भूपेन्द्र सिंह (कैबिनेट), अरविंद सिंह भदोरिया (कैबिनेट), एदल सिंह कंसाना (कैबिनेट), ओपी सकलेचा (कैबिनेट मंत्री), विश्वास सारंग (कैबिनेट मंत्री), प्रभुराम चौधरी(कैबिनेट), इमरती देवी(कैबिनेट), प्रद्युम्न सिंह तोमर (कैबिनेट), महेंद्र सिसोदिया (कैबिनेट) सहित 28 मंत्री शामिल हैं. मंत्रिमंडल में कांग्रेस से भाजपा में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट के 12 मंत्रियों को शामिल किया गया है.
Also Read: MP : शिवराज सरकार में सिंधिया का दबदबा कायम, यहां देखें मंत्रियों की पूरी लिस्ट
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में मार्च महीने में बड़ा सियासी उलटफेर हुआ. कद्दवार नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस का साथ छोड़कर भाजपा में आए. उनके समर्थन में 22 विधायकों ने भी विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ को 20 मार्च को पद से इस्तीफा देना पड़ा. 23 मार्च को शिवराज ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. 21 अप्रैल को 5 मंत्रियों को शपथ दिलाकर मुख्यमंत्री ने मंत्रिमंडल का गठन किया. तब से लेकर अब तक कोरोना संकट के कारण मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हुआ.
Posted By : Avinish Kumar Mishra