भोपाल : संशोधिक नागरिकता कानून (CAA) के समर्थन में प्रदर्शन करने वाले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक नेता को थप्पड़ जड़ने वाली झारखंड की निधि निवेदिता पर मध्यप्रदेश में कार्रवाई हो गयी है. मूल रूप से झारखंड के धनबाद जिला के सिंदरी की रहने वाली निधि निवेदिता अपने पद से हटा दी गयी हैं. मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद शिवराज सिंह चौहान ने सबसे पहले जो कुछ फैसले लिये, उसमें निवेदिता को हटाया जाना भी शामिल था.
मंगलवार (24 मार्च, 2020) को शिवराज सिंह ने निगम आयोग के सभी राजनीतिक मनोनयन निरस्त कर दिये. राजगढ़ की कलेक्टर निधि निवेदिता और एसडीएम प्रिया वर्मा को हटा दिया. रीवा नगर निगम के कमिश्नर सभाजीत यादव को भी हटा दिया गया. निधि वही अधिकारी हैं, जिन्होंने जनवरी में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे भाजपा नेता को थप्पड़ मारा था.
प्रिया वर्मा की प्रदर्शनकारियों से झड़प हुई थी. विवाद के बाद शिवराज सिंह चौहान ने दोनों अधिकारियों पर सरकार के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया था. सत्ता में लौटते ही उन्होंने सबसे पहले इन दोनों अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की. निधि निवेदिता के थप्पड़ जड़ने का वीडियो वायरल हुआ, तो शिवराज ने तत्कालीन कमलनाथ सरकार से पूछा था, क्या अब भी सरकार ऐसे अधिकारी का बचाव करेगी.
उधर, डिप्टी कलेक्टर प्रिया वर्मा की प्रदर्शनकारियों से झड़प हो गयी थी. झड़प के बाद निवेदिता ने पुलिस महकमे के एक सहायक उप निरीक्षक (एएसआइ) को भी थप्पड़ जड़ दिया. एएसआइ ने अपने वरीय अधिकारियों से इसकी शिकायत कर दी. जांच में एएसआइ की शिकायत सही पायी गयी. इसके बाद पुलिस कमिश्नर ने कलेक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी.
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2012 2012 बैच की आइएएस ऑफिसर निधि निवेदिता झारखंड के सिंदरी की रहने वाली हैं. उनकी पहली पोस्टिंग मध्यप्रदेश के झाबुआ में बतौर असिस्टेंट कलेक्टर हुई थी. वह एकीकृत बाल विकास योजना की प्रोजेक्ट डायरेक्टर और इंदौर की एडीशनल कलेक्टर रह चुकी हैं. सिंगरौली जिले में जिला पंचायत के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) के रूप में भी काम कर चुकी हैं.
जिला पंचायत के सीइओ के रूप में उन्होंने शौचालय निर्माण में गड़बड़ी सामने आने पर भ्रष्टाचार में लिप्त पंचायत सचिव से उठक-बैठक करवायी थी. भाजपा नेता को थप्पड़ मारने के मामले में उन्होंने बाद में मीडिया को अपनी सफाई भी दी थी. निवेदिता ने कहा था कि भीड़ ने उनके साथ अभद्रता की थी. किसी ने उनकी पीठ पर लात मारी थी.
निवेदिता ने कहा था कि वह भीड़ को तितर-बितर कर रहीं थीं. लोगों को आगे जाने से रोक रहीं थीं. लोगों ने बात मान ली. इसी दौरान किसी ने पीचे से गालियां देनी शुरू कर दी. उन्होंने उस शख्स को ऐसा करने से मना किया, लेकिन वह नहीं माना. इसकी वजह से उन्हें गुस्सा आ गया और उन्होंने थप्पड़ रसीद कर दिया. इसके बाद उन लोगों ने (प्रदर्शनकारियों ने) कथित तौर पर डीएम के साथ अभद्रता की थी.