कोरोना के भय के बीच शिवराज सिंह चौहान ने रचा इतिहास, चौथी बार बने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री
शिवराज सिंह चौहान चौथी बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बने. उन्हें राज्यपाल लालजी टंडन ने शपथ दिलाई.
भोपाल : भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार रात को एक बार फिर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. उन्हें शपथ राज्यपाल लालजी टंडन ने दिलाई. इसी के साथ उन्होंने चौथी बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बनने का इतिहास रच लिया है. उन्होंने अकेले ही शपथ ली. उनके मंत्रिमंडल के किसी भी सदस्य ने आज शपथ नहीं ली.
राजभवन में रात नौ बजे हुए शपथ ग्रहण समारोह में राज्यपाल टंडन ने उन्हें मुख्यमंत्री के पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई. देश एवं विश्व में चल रहे कोरोना वायरस के खतरे के चलते कार्यक्रम को संक्षिप्त एवं सामान्य रखा गया. इसमें निवर्तमान मुख्यमंत्री कमलनाथ के अलावा चुनिंदा विधायक उपस्थित थे.
शिवराज को सर्वसम्मति से चुना गया विधायक दल का नेता
शपथ ग्रहण से पहले भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को सोमवार शाम सर्वसम्मति से भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया. भाजपा विधायक दल की विशेष बैठक में उन्हें निर्विरोध नेता चुना गया.
गोपाल भार्गव ने शिवराज के नाम का प्रस्ताव रखा
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनय सह्रत्रबुद्धे और राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह की केन्द्रीय पर्यवेक्षक के तौर पर वीडियों कांफ्रेस के जरिए उपस्थिति में मध्यप्रदेश विधानसभा के निवर्तमान नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने उनके नाम का प्रस्ताव रखा और विधायक एवं मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा एवं नीना वर्मा सहित अन्य विधायकों ने इसका अनुमोदन किया.
शिवराज ने कहा, पूरी ताकत से कोरोना को हराएंगे
भाजपा विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद अपने सम्बोधन में चौहान ने कहा, हम परिश्रम की पराकाष्ठा दिखाएंगे. जाने वाली सरकार सब तबाह कर गयी है. इसके एक नहीं अनेक उदाहरण हैं, लेकिन मैं उसमें नहीं जाना चाहता. चौहान ने कहा, शासन करने की शैली में भी अब परिवर्तन किया जायेगा. फैसले बोलेंगे, काम बोलेगा.
हम सब मिलकर, सबको साथ लेकर काम करेंगे. उन्होंने कहा, सबसे पहले कोरोना का संकट है. हमारे कार्यकर्ताओं तथा जनता से अपील है कि यह जश्न का समय नहीं है. ये तत्काल काम में जुटने का समय है. कोई घर से बाहर ना निकलें. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जो इच्छा शक्ति दिखाई है उससे जुड़ना है. संपर्क की चेन तोड़ना है. कोई समारोह नहीं होगा. शपथ लेने के तत्काल बाद वल्लभ भवन (प्रदेश मंत्रालय) में बैठ जाउंगा, कोरोना से निपटने के लिए.
चौहान ने कहा, इस महामारी से निपटना है. पूरी ताकत के साथ मिलकर इस महामारी से निपटेंगे. बीमारी से लड़ेंगे, जुझेंगे और इसे समाप्त करेंगे. फिर से प्रदेश का विकास करेंगे. उन्होंने पार्टी नेतृत्व का आभार व्यक्त करते हुए कहा, मैं यह विश्वास दिलाता हूं कि पार्टी नेतृत्व के विश्वास पर खरा उतरुंगा. 15 साल बेहतर शासन किया अब और बेहतर होगा, कोई कमी, चूक रह गई तो उसमें सुधार होगा. मध्यप्रदेश को भारत का नंबर एक राज्य बनायेंगे.