भोपाल : मध्य प्रदेश में सियासी हलचल एक बार फिर तेज हो गयी हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कमलनाथ सरकार को बड़ा झटका देते हुए शुक्रवार शाम 5 बजे तक बहुमत साबित करने का फैसला सुनाया है. उच्चतम न्यायालय ने कहा कि कल शाम पांच बजे तक विधानसभा में शक्ति परीक्षण की प्रक्रिया पूरी हो जानी चाहिए. साथ ही कोर्ट ने मध्य प्रदेश विधानसभा सचिव को आदेश दिया कि सुनिश्चित किया जाए कि कानून व्यवस्था खराब नहीं हो.
उच्चतम न्यायालय ने विधानसभा की पूरी कार्यवाही की वीडियो रिकार्डिंग करने के आदेश दिया है. कोर्ट ने आदेश दिया कि विधानसभा का एकमात्र एजेंडा बहुमत साबित करने का होगा और किसी के लिए भी बाधा उत्पन्न नहीं की जानी चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश और कर्नाटक के पुलिस प्रमुखों को निर्देश दिया कि कांग्रेस के 16 बागी विधायक अगर विधानसभा में शक्ति परीक्षण में शामिल होना चाहते हैं तो उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई जाए.
दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है. शिवराज सिंह ने कमलनाथ पर बड़ा हमला करते हुए कहा कि मौजूदा सरकार को जनता की आहें ले डूबी.
शिवराज सिंह चौहान ने कहा, आतंक, दबाव, लोभ , प्रलोभन के प्रयास में कमलनाथ जी बुरी तरह विफल रहे. इसमें दिग्विजय सिंह भी लगे थे. इसलिए माननीय सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को शिरोधार्य करते हैं. कल फ्लोर टेस्ट होगा, हाथ उठाकर होगा और हमारा विश्वास है कि अल्पमत की सरकार जाएगी. ये जनता के साथ धोखा और विश्वासघात करने वाली सरकार है.
शिवराज ने कहा, मध्य प्रदेश को दलालों का अड्डा बनाने वाली, शराब माफियों द्वारा संचालित ये सरकार है. परिवहन माफिया, रेत माफिया सब सक्रिय थे. मजाक बना दिया था इन लोगों ने, रोज नियुक्तियां हो रही हैं. आज ऐसे अन्याय की पराजय हुई है. हमारा अटल विश्वास है कि करोड़ों जनता की दुआएं और आशीर्वाद हमारे साथ है.
मालूम हो कांग्रेस के 22 बागी विधायकों के इस्तीफे की वजह से मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं. अध्यक्ष द्वारा कांग्रेस के छह विधायकों के इस्तीफे स्वीकार किये जाने के बाद 222 सदस्यीय विधान सभा में सत्तारूढ़ दल के सदस्यों की संख्या घटकर 108 रह गयी है. इनमें वे 16 बागी विधायक भी शामिल हैं जिनके इस्तीफे अभी स्वीकार नहीं किये गये हैं. राज्य विधानसभा में इस समय भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों की संख्या 107 है.
मध्यप्रदेश में मौजूद स्थिति में दो विधायकों की मौत के बाद कुल 228 विधानसभा में विधायक हैं. जिसमें 6 कांग्रेसी विधायकों के इस्तीफे के बाद अब 222 रह गये हैं. जिसमें बहुमत का आंकड़ा 112 है. कांग्रेस गठबंधन में 108 विधायक हैा, जबकि भाजपा के पास 107 विधायक हैं. अगर 16 विधायकों का इस्तीफा मंजूर हो जाता है तो कांग्रेस के पास केवल 92 विधायक रह जाएंगे. वैसे में शिवराज सिंह चौहान की अगुआई में मध्यप्रदेश में सरकार बनना तय माना जा रहा है.