भय्यू जी महाराज आत्महत्या मामले में तीन दोषी करार, एक शिष्या और दो सेवादार कर रहे थे प्रताड़ित
भय्यू जी महाराज आत्महत्या मामले में तीन लोगों को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में दोषी ठहराया गया है. अदालत ने माना कि तीनों आरोपी पैसों के लिए भय्यू जी महाराज को प्रताड़ित किया करते थे.
नई दिल्ली : भय्यू जी महाराज आत्महत्या मामले में इंदौर की एक अदालत ने तीन लोगों को दोषी करार दिया है. इंदौर की जिला अदालत ने इस मामले में मुख्य सेवादार विनायक, चालक शरद और एक शिष्या पलक को दोषी ठहराया है. अदालत ने दोषी पाए गए तीनों लोगों को छह-छह साल की सजा सुनाई है. भय्यू जी महाराज ने 12 जून 2018 को अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर से आत्महत्या कर ली थी.
भय्यू जी महाराज आत्महत्या मामले में तीन लोगों को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में दोषी ठहराया गया है. अदालत ने माना कि तीनों आरोपी पैसों के लिए भय्यू जी महाराज को प्रताड़ित किया करते थे. अदालत ने शिष्या पलक, सेवादार विनायक और चालक शरद को आईपीसी की धारा 306 के तहत दोषी करार दिया है.
भय्यू जी महाराज के आत्महत्या मामले में इंदौर पुलिस ने इन तीनों आरोपियों को जनवरी 2019 में गिरफ्तार किया था. तब भी यह जानकारी सामने आई थी कि तीनों मिलकर महाराज का आर्थिक और मानसिक शोषण कर रहे थे. भैय्यूजी महाराज ने भी अपने सुसाइड नोट में विनायक का जिक्र किया था, क्योंकि वह भैय्यूजी का 16 साल पुराना वफादार सेवक था.
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भय्यू महाराज की आत्यहत्या के बाद इस मामले में बेटी कुहू और दूसरी पत्नी आयुषी के बीच विवाद को प्रचारित किया गया था, लेकिन बाद में जांच हुई थी सच सामने आ गया कि उनके सबसे करीबी ही उनकी जान के दुश्मन निकले.