जनसंख्या नियंत्रण कानून पर बोले दिग्विजय सिंह, मैंने 2000 में ही ये नीति बना दी थी, इन्हें 21 साल बाद समझ आया
UP Population Control Bill उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार की ओर से लाए गए जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर सियासत तेज हो गयी है. जनसंख्या नियंत्रण कानून पर जारी विवाद के बीच मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह (Congress Leader Digvijaya Singh) ने बुधवार को इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय जनता पार्टी (BJP) और योगी आदित्यनाथ की सरकार (Yogi Adityanath Government) पर निशाना साधा है.
UP Population Control Bill उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार की ओर से लाए गए जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर सियासत तेज हो गयी है. जनसंख्या नियंत्रण कानून पर जारी विवाद के बीच मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह (Congress Leader Digvijaya Singh) ने बुधवार को इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय जनता पार्टी (BJP) और योगी आदित्यनाथ की सरकार (Yogi Adityanath Government) पर निशाना साधा है.
न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने जनसंख्या नियंत्रण कानून पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि पढ़े लिखे लोगों के 2-3 से ज्यादा बच्चे कहां होते हैं. मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीबी इसका मुख्य कारण है. गरीबी मिटाओगे, तो अपने आप जनसंख्या नियंत्रित हो जाएगी. भाजपा पर हमला जारी रखते हुए दिग्विजय सिंह ने आगे कहा कि उन्होंने तो 2000 में ही ये नीति बना दी थी, इन्हें तो 21 साल बाद समझ आ रही है.
Educated people usually don't have more than 2-3 children. The major reason is poverty. Population can be controlled by eradicating poverty & educating people. I made this policy in 2000, they understood this after 21 yrs: Congress' Digvijaya Singh on UP's population control bill
— ANI (@ANI) July 14, 2021
बता दें कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने जनसंख्या नियंत्रण बिल का ड्राफ्ट उत्तर प्रदेश विधि आयोग की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया और लोगों से 19 जुलाई तक आपत्तियां मांगी हैं. इस बिल की प्रस्तावना में लिखा है कि यह बिल अन्य बातों के साथ-साथ जनसंख्या को स्थिर करने और दो बच्चों के मानदंड को बढ़ावा देने के लिए लाया जा रहा है. बिल के सेक्शन 5, 6 (2) और 7 कहा गया है कि जिन सरकारी कर्मचारियों और अन्य लोगों का सिर्फ एक ही बच्चा होगा, उन्हें इंसेटिव दिया जाएगा.
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