Loading election data...

OMG : लॉकडाउन के 21 दिनों में पति-पत्नी ने मिलकर खोद डाला कुआं, ताकि प्‍यासा न रह जाए…

आप लॉकडाउन में क्या कर रहे हैं ? क्या आपने इस समय के बेहतर इस्तेमाल का विचार किया है. अगर नहीं तो आप गजानन पाकमोड़े और उनकी पत्नी से प्रेरणा ले सकते हैं.

By PankajKumar Pathak | April 21, 2020 4:41 PM

मुंबई : आप लॉकडाउन में क्या कर रहे हैं ? टीवी, खाना और मोबाइल के अलावा ऐसा कौन सा काम है जो आपको सकारात्मक महसूस करा रहा है. क्या आपने इस समय के बेहतर इस्तेमाल का विचार किया है. अगर नहीं तो आप गजानन पाकमोड़े और उनकी पत्नी से प्रेरणा ले सकते हैं.

Also Read: महाराष्ट्र : पालघऱ में 2 साधुओं की हत्या की इनसाइड स्टोरी, कब क्या हुआ?

महाराष्ट्र के वाशिम जिले के कारखेड़ा गांव में रहने वाले गजानन और उनकी पत्नी ने 25 फीट का गहरा कुआं खोद लिया. उन्हें घर में पानी की जरूरत के लिए इसकी जरूरत थी. उन्होंने कहा, जब देशभर में लॉकडाउन हुआ तो हम बाहर नहीं जा सकते थे. मैंने मेरी पत्नी से पूछा कि हम क्या करेंगे. हमने मिलकर फैसला लिया कि क्यों ना इस समय का इस्तेमाल किया जाए.

हमने कुआं खोदने का फैसला लिया. जैसे ही हमने का शुरू किया हमारे पड़ोसी भी हमारा मजाक उड़ाने लगे. मेरी पत्नी ने कुआं की खुदाई शुरू करने से पहले पूजा पाठ किया और हम काम पर लग गये. 21 दिनों में हमने 25 फीट का गहरा कुआं खोद लिया है.

गजानन मजदूरी करके ही अपना पूरा परिवार चलाते हैं. लॉकडाउन होने के बाद उन्हें काम मिलना बंद हो गया तो उन्होंने घर में ही काम करके पीने के पानी की व्यवस्था कर दी. गजानान की एक ही चिंता थी कि अगर वह 21 दिनों चक चुपचाप घर पर बैठ गये तो वह आलसी हो जायेंगे इसलिए उन्होंने मेहनत का काम जारी रखा. 21 दिनों के बाद 25 फीट की खुदाई में ही पानी नजर आने लगा है. पड़ोसी जो इस काम की शुरुआत के वक्त उनका मजाक उड़ा रहे थे अब वही तारीफ कर रहे हैं.

एक न्यूज वेबसाइट की मानें तो गर्मियों में इस गांव में भी पीने के पानी की परेशानी होती है. लोगों को दूर- दूर से पानी लाना पड़ता है. अब इस कुआं की मदद से पूरा गांव पानी पी सकेगा. इस गांव में पानी की समस्या है और ज्यादातर लोग कुआं से ही पानी लेते हैं गांव में नलजल योजना भी ठप है. अब गजानन की चर्चा गांव के साथ- साथ देशभर में हो रही है. गजानन ने कहा, अच्छा लगता है जब आपके मेहनत की चर्चा होती है. हमने तो अपने और गांव की जरूरत को देखते हुए यह फैसला लिया .

Next Article

Exit mobile version