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10 बार मालिकों ने अनिल देशमुख को 3 महीने के लिए दी 4 करोड़ रुपये रिश्वत, ईडी ने किया सेक्रेटरी से पूछताछ

ईडी ने आज महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के निजी सचिव से पूछताछ की. देशमुख के सेक्रेटरी संजीव पलांडे को दोपहर में ईडी कार्यालय लाया गया था जहां उनसे पूछताछ की गयी. गौरतलब है कि आज सुबह ईडी ने मनी लॉड्रिंग मामले में अनिल देशमुख के नागपुर और मुंबई स्थित आवास पर छापेमारी की.

ईडी ने आज महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के निजी सचिव से पूछताछ की. देशमुख के सेक्रेटरी संजीव पलांडे को दोपहर में ईडी कार्यालय लाया गया था जहां उनसे पूछताछ की गयी. गौरतलब है कि आज सुबह ईडी ने मनी लॉड्रिंग मामले में अनिल देशमुख के नागपुर और मुंबई स्थित आवास पर छापेमारी की.

गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक जांच में पाया है कि मुंबई के लगभग 10 बार मालिकों ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) को तीन महीनें के लिए 4 करोड़ रुपये का भुगतान किया था. एक सूत्र ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि इस चार करोड़ की डील का पता ईडी की जांच में चला है. इसी के आधार पर ईडी की टीमें देशमुख और उनके करीबियों के ठिकानों पर छापेमारी किया.

एनसीपी नेता के खिलाफ दर्ज धन शोधन मामले में नये सबूतों के आधार पर ईडी ने नागपुर में देशमुख के आवास सहित चार स्थानों पर तलाशी अभियान तेज कर दिया है. आज सुबह से ही छापेमारी की जा रही है. मुंबई में, जांच एजेंसी देशमुख के निजी सहायक कुंदन शिंदे और निजी सचिव संजीव पलांडे के परिसरों की भी तलाशी ले रही है. इन्हीं बार मालिकों द्वारा कथित नकद भुगतान पर ईडी की ओर से एकत्र किये गये सबूतों के आधार पर छापेमारी की जा रही है.

मनी लॉन्ड्रिंग रोधी एजेंसी ने मामले के संबंध में 10 से अधिक बार मालिकों के बयान दर्ज किए गये हैं. ईडी की जांच देशमुख के वित्तीय लेनदेन की सीबीआई जांच के अनुरूप है, जिसमें पूर्व मंत्री ने अब निलंबित सहायक पुलिस निरीक्षक (एपीआई) सचिन वाजे सहित पुलिस अधिकारियों से 40 रुपये सहित 100 करोड़ रुपये अवैध रूप से इकट्ठा करने के लिए कहा था. जो मुंबई में 1,750 बार और रेस्तरां से मांगे गये थे.

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देशमुख ने उन आरोपों का खंडन किया है जो 20 मार्च को मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह द्वारा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को आठ पन्नों के पत्र में लगाये गये थे. ईडी ने अप्रैल में सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर देशमुख के खिलाफ कथित तौर पर अवैध रिश्वत लेने का मामला दर्ज किया था. सीबीआई ने कहा कि देशमुख ने कुछ अनुचित लाभ प्राप्त करने के लिए अपने आधिकारिक पद का इस्तेमाल किया और सिंह के आरोप के अनुसार मुंबई पुलिस में तबादलों और पोस्टिंग को भी प्रभावित किया.

अंबानी हाउस बम मामले और व्यवसायी मनसुख हिरन की हत्या में उनकी कथित भूमिका के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) सचिन वाजे की जांच कर रही है. वाजे ने इससे पहले देशमुख के खिलाफ सिंह द्वारा लगाये गये आरोपों का समर्थन करते हुए एनआईए अदालत को एक पत्र सौंपा था और शिवसेना के परिवहन मंत्री अनिल परब के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाये थे.

वाजे ने आरोप लगाया था कि देशमुख ने उन्हें मुंबई पुलिस में उनकी बहाली के लिए 2 करोड़ रुपये का भुगतान करने के लिए कहा था. हालांकि, अदालत ने पत्र को रिकॉर्ड में नहीं लिया है. हिरासत में मौत के एक मामले में सस्पेंड होने के डेढ़ दशक बाद, वाजे 2020 में पुलिस बल में फिर से शामिल हो गए थे. इससे पहले 25 अप्रैल को, ईडी ने देशमुख के करीबी सहयोगी सागर भटेवार के नागपुर आवास की तलाशी ली थी, जो देशमुख के परिवार द्वारा नियंत्रित कई फर्मों के निदेशक भी हैं.

Posted By: Amlesh Nandan.

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