मुंबई : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि बाढ़ और बारिश से प्रभावित लोगों को मदद करना सरकार का कर्तव्य है. शुक्रवार को समीक्षा बैठक के बाद उन्होंने कहा कि मैंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में विभिन्न कार्यों के लिए किसानों और प्रभावित लोगों को 10 हजार करोड़ रुपये की मदद देने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि हम दिवाली के पहले लोगों तक मदद पहुंचाने की कोशिश करेंगे.
It is govt's duty to give help to those affected by flood & rains. After review meeting, I've decided to give Rs 10000 crores help to farmers & affected people for various work in flood-hit region. We're trying this help reaches people by Diwali: Maharasthra CM Uddhav Thackeray https://t.co/oFvJJjOkLO pic.twitter.com/pkZ8BpW3AN
— ANI (@ANI) October 23, 2020
जानकारी के मुताबिक, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्य के बाढ़ पीड़ितों और बारिश से प्रभावित लोगों को राहत देने के लिए शुक्रवार को एक बैठक बुलायी. वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के जरिय हुई इस बैठक में उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट आदि शामिल हुए.
वर्चुअल बैठक में पीड़ितों को 10 हजार करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की गयी. साथ ही किसानों को भी राहत पैकेज देने का निर्णय किया गया. साथ ही दीपावली के पूर्व तक सहायता भी पहुंचाने का वादा किया गया.
बाढ़ पीड़ितों के लिए 10 हजार करोड़ रुपये की सहायता कृषि और फलों की फसलों के लिए प्रति हेक्टेयर अतिरिक्त सहायता प्रदान करने के लिए कहा गया है. मालूम हो कि बाढ़ और भारी बारिश का निरीक्षण करने के लिए अभी तक केंद्रीय टीम महाराष्ट्र नहीं आयी है.
उन्होंने कहा कि केंद्र से दो-तीन बार पैसे भेजने का अनुरोध किया गया है. लेकिन, बताया गया कि केंद्र सरकार की ओर से अभी तक पैसा नहीं आया है. अभी केंद्र सरकार से 38 हजार करोड़ रुपये मिलना है.
उन्होंने कहा कि आपदा के लिए रखे गये 10 हजार करोड़ रुपये में से सड़कों की मरम्मत, कृषि भूमि की मरम्मत और अन्य मद में दिये जायेंगे. यह मदद दीवाली के पहले तक लाभुको को दे दी जायेगी. पैसे की कमी है, लेकिन किसानों को नजरंदाज नहीं जायेगा.
कृषि योग्य और बागवानी क्षेत्रों के लिए प्रति हेक्टेयर 10 हजार (दो हेक्टेयर तक), फल व फसलों के लिए 25 हजार प्रति हेक्टेयर (दो हेक्टेयर तक), मृतक के वारिसों, मृत पशुधन, घर विध्वंस के लिए भरपूर सहायता, सड़क पुल के लिए 2635 करोड़, शहरी विकास के लिए 300 करोड़, महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी कंपनी लिमिटेड को 239 करोड़, जल संसाधन को 102 करोड़, ग्रामीण सड़क और जलापूर्ति के लिए 1000 करोड़ और कृषि आवास के लिए 5500 करोड़ रुपये दिये जायेंगे.