Maharashtra Assembly Election 2024: अजित पवार से दूरी बनाएगी बीजेपी? 150 सीट पर चुनाव लड़ने का प्लान
Maharashtra Assembly Election 2024: महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी प्लान बनाने में जुट गई है. भूपेंद्र यादव और अश्विनी वैष्णव प्रदेश के नेताओं के साथ लगातार बैठक कर रहे हैं.
Maharashtra Assembly Election 2024: महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी प्रदेश में पूरी तरह से एक्टिव हो चुकी है. केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव और अश्विनी वैष्णव ने चुनावों के लिए पार्टी की तैयारियों का जायजा लिया. दोनों नेताओं ने गुरुवार को बीजेपी की प्रदेश इकाई के नेताओं के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की.
150 सीट पर चुनाव लड़ने का प्लान बना रही है बीजेपी
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव और रेल मंत्री वैष्णव महाराष्ट्र में पार्टी के प्रभारी और सह-प्रभारी हैं. खबरों की मानें दो बैठक में उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस और प्रदेश इकाई के प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले सहित बीजेपी की राज्य कोर कमेटी के सदस्य मौजूद थे. पार्टी प्रदेश में 150 सीट पर चुनाव लड़ने के प्लान के साथ आगे बढ़ रही है. दोनों केंद्रीय मंत्री शुक्रवार को यानी आज भी मुंबई में ही रहेंगे. 21 जुलाई को पुणे में बीजेपी की प्रदेश इकाई का सम्मेलन होना है, जिसमें केंद्रीय मंत्री अमित शाह भी नजर आएंगे.
शिवसेना और एनसीपी को कितनी सीट देगी बीजेपी?
पूर्व सांसद रावसाहेब दानवे ने बैठक के बाद मीडिया से बात की. उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन (जिसमें शिवसेना शिंदे गुट और एनसीपी अजित गुट भी शामिल हैं) के नेताओं द्वारा मिलकर सीट बंटवारे पर चर्चा की जाएगी. महाराष्ट्र में अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होने की संभावना व्यक्त की जा रही है. लोकसभा चुनाव में बीजेपी की सीटों की संख्या 2019 में 23 से घटकर केवल 9 रह गई जिसने पार्टी की टेंशन बढ़ा दी है. सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने 7 सीटें जबकि उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी केवल एक लोकसभा सीट पर जीत मिली है.
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क्या अजित पवार से बढ़ेगी बीजेपी की दूरी?
ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि अजित पवार के गुट वाली एनसीपी से बीजेपी की दूरी बढ़ सकती है. दरअसल, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े मराठी साप्ताहिक ‘विवेक’ ने पिछले दिनों एक लेख प्रकाशित किया था. इसमें लोकसभा चुनावों में बीजेपी के खराब प्रदर्शन के लिए अजित पवार के नेतृत्व वाले एनसीपी के साथ हाथ मिलाने को खराब प्रदर्शन की वजह बताई गई.