Supreme Court News: महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख और कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक को सुप्रीम कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के दोनों दिग्गज नेताओं को एमएलसी चुनाव में मतदान का अधिकार देने से इंकार कर दिया है. अनिल देशमुख और नवाब मलिक ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल करके मांग की थी कि उन्हें एमएलसी चुनाव में वोटिंग करने के लिए अस्थायी रूप से रिहा किया जाये.
सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी याचिका
सुप्रीम कोर्ट ने दोनों नेताओं की याचिका को खारिज कर दिया. बता दें कि अनिल देशमुख और नवाब मलिक दोनों न्यायिक हिरासत में हैं. इन दोनों नेताओं ने बंबई हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. दरअसल, नवाब मलिक और अनिल देशमुख दोनों ने याचिका दाखिल कर कहा था कि 20 जून को महाराष्ट्र में एमएलसी के चुनाव है. वे दोनों वोटर हैं और मतदान करना चाहते हैं. इसलिए उन्हें अस्थायी जमानत दी जाये.
मनी लाउंडरिंग केस में न्यायिक हिरासत में हैं अनिल देशमुख, नवाब मलिक
अनिल देशमुख और नवाब मलिक के वकीलों ने सोमवार को कोर्ट से आग्रह किया कि उनके मामलों की सुनवाई जल्द से जल्द की जाये. कोर्ट उनकी याचिका पर सुनवाई के लिए तो तैयार हो गया, लेकिन शीर्ष अदालत ने सुनवाई के बाद दोनों को अस्थायी जमानत देने से इंकार कर दिया. उल्लेखनीय है कि अनिल देशमुख और नवाब मलिक दोनों मनी लाउंडरिंग केस में इस वक्त जेल में हैं.
एनसीपी ने केंद्र पर लगाया है परेशान करने का आरोप
अनिल देशमुख और नवाब मलिक दोनों राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता हैं. प्रवर्तन निदेशालय ने इनके खिलाफ मनी लाउंडरिंग का केस दर्ज कर रखा है. एनसीपी ने दोनों नेताओं के खिलाफ की गयी कार्रवाई पर केंद्र सरकार को घेरा है. एनसीपी के अलावा महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार के घटक दलों शिव सेना और कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर अपने विरोधियों को बेवजह परेशान करने का आरोप लगा रहे हैं.