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Maharashtra: छगन भुजबल का बड़ा खुलासा, कहा- शरद पवार ने कहा था ‘दिल्ली जाइए मंत्री पद मांगिए’, गरमाई सियासत

Maharashtra: बीड़ में हुई जनसभा में बोलते हुए एनसीपी नेता छगन भुजबल शरद पवार के खिलाफ बयान दिया. एनसीपी प्रमुख शरद पवार पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि हमें शरद पवार ने ही बीजेपी से मंत्री पद को लेकर चर्चा करने को प्रेरित किया था.

By Pritish Sahay | August 28, 2023 12:00 PM
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Maharashtra News: महाराष्ट्र की सियासत एक बार गरमा गई है. दो धड़ों में बंटी एनसीपी और उसके नेता अब एक दूसरे पर सीधा हमला कर रहे हैं. दोनों धड़ों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. इसी कड़ी में बीते दिन यानी रविवार को बीड में एक जनसभा के दौरान एनसीपी अजित पवार गुट के नेता छगन भुजबल ने शरद पवार पर बड़ा हमला किया. एनसीपी के दिग्गज नेता छगन भुजबल ने खुलासा करते हुए कहा है कि शरद पवार ने ही कहा था कि दिल्ली जाइए और उनसे मंत्री पद मांगिए. जाहिर है इस बयान के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में उबाल आ सकता है.

छगन भुजबल ने लगाया बड़ा आरोप
गौरतलब है कि बीते दिन बीड़ में हुई जनसभा में बोलते हुए एनसीपी नेता छगन भुजबल शरद पवार के खिलाफ बयान दिया. एनसीपी प्रमुख शरद पवार पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि हमें शरद पवार ने ही बीजेपी से मंत्री पद को लेकर चर्चा करने को प्रेरित किया था. उन्होंने मंच से ही शरद पवार से सवाल करते हुए कहा था कि आप बताइए कि 2014 से अब तक क्या हुआ है. भुजबल ने कहा कि आपने ही अजित पवार, प्रफुल्ल पटेल और जयंत पाटिल को दिल्ली जाने को कहा था.

गौरतलब है कि शरद पवार के भतीजे और एनसीपी नेता अजित पवार बीजेपी-शिवसेना (शिंदे गुट) गठबंधन सरकार में शामिल हो गये है. इसी को लेकर एनसीपी में दो फाड़ की नौबत है. बीते कई दिनों से दोनों धड़ों में बीच खींचतान चल रही है. हालांकि इस बीच सुप्रिया सूले और खुद शरद पवार ने कहा था कि अजित पवार अभी भी एनसीपी नेता है, और मंत्री पद पर उन्होंने कहा था कि लोकतंत्र में इतना तो अधिकार मिलना ही चाहिए. हालांकि बाद में इन्होंने अपने बयान से यू -टर्न ले लिया था.

राजनीति में न कोई स्थायी दोस्त होता है और न दुश्मन- अजित पवार
इधर, बीड़ में हुई जनसभा में बोलते हुए एनसीपी नेता और महाराष्ट्र ने डिप्टी सीएम अजित पवार ने बड़ा बयान देते हुए कहा था कि राजनीति में न तो कोई स्थायी दोस्त होता है और न ही परमानेंट दुश्मन. अजित पवार ने यह भी कहा कि बीजेपी और शिवसेना के शिंदे गुट वाले गठबंधन में शामिल होने का मकसद लोगों की समस्याओं का समाधान करना है. पवार ने अपने फैसले को सही करार देते हुए कहा कि राजनीति में न तो कोई हमेशा के लिए दुश्मन होता है और न ही हमेशा के लिए दोस्त. ऐसे में उन्होंने राज्य के विकास के लिए गठबंधन में शामिल होने का फैसला किया.

बारामती में भी अजित पवार ने किया था शक्ति प्रदर्शन
गौरतलब है कि इससे पहले अजित पवार ने बारामती में शक्ति प्रदर्शन किया था. गौरतलब है कि अपने चाचा से नाता तोड़ने और बीजेपी शिवसेना गठबंधन (एकनाथ शिंदे) सरकार में शामिल होने के बाद यह पहला मौका था जब अजित पवार बारामती में पहुंचकर शक्ति प्रदर्शन किया. बता दें, बारामती को पवार परिवार का गढ़ कहा जाता है. सुप्रिया सुले यही से सांसद भी हैं.

बारामती से अजित पवार ने एक रोड शो भी किया था. सबसे बड़ी बात की उनके रोड शो में भारी मात्रा में एनसीपी समर्थकों ने हिस्सा लिया. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने अजित पवार पर फूलों की वर्षा की. महाराष्ट्र विधानसभा में अजित पवार इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं. सफेद कुर्ता-पायजामा और पगड़ी पहनकर बारामती पहुंचे अजित पवार का फूलों से जोरदार स्वागत किया गया. गौरतलब है कि बारामती लोकसभा क्षेत्र से अजित पवार की चचेरी बहन और शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले सांसद हैं.

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महाराष्ट्र की राजनीति में मची है हलचल
महाराष्ट्र की राजनीति में पिछले काफी समय से हलचल मची है. पहले शरद पवार ने एनसीपी प्रमुख के पद से हट जाते हैं. इसके बाद समर्थकों की अपील के बाद वो फिर से अध्यक्ष बनने को तैयार हो जाते हैं. लेकिन फिर प्रदेश की राजनीति में हलचल मचाते हुए उनके भतीजे अजित पवार अपने समर्थकों के साथ सरकार में शामिल हो जाते हैं. अजित पवार के इस कदम को शरद पवार ने पहले तो बगावत करार दिया, इसके बाद उन्होंने कई बार अजित पवार से मुलाकात की. इस बीच उन्होंने बयान भी दिया था कि पार्टी में फूट नहीं हुई है. सभी एनसीपी के नेता हैं. इतना ही हुआ है कि कुछ नेताओं ने अलग रास्ता चुन लिया है. 

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