मराठा आंदोलन को लेकर सीएम एकनाथ शिंदे का बड़ा बयान, कहा- ‘आरक्षण देना चाहती है सरकार’
Maratha Reservation: महाराष्ट्र इस समय मराठा आरक्षण की आग में जल रहा है. मराठा समुदाय के लोग आरक्षण की मांग को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. ऐसे में प्रदेश के सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा है कि वो मराठा आरक्षण के पक्ष में हैं, लेकिन उन्होंने इस दौरान सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी हवाला दिया.
Maratha Reservation: महाराष्ट्र आरक्षण की आग में सुलग रहा है. आरक्षण को लेकर मराठा समुदाय आंदोलन पर उतारू हैं. इसी कड़ी में महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे का बड़ा बयान आया है. आरक्षण को लेकर महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा है कि सरकार स्पष्ट रूप से मराठा समुदाय को आरक्षण देना चाहती है. जब देवेंद्र फडणवीस सीएम थे, तब उन्हें आरक्षण दिया गया था, लेकिन दुर्भाग्य से, इसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कुछ टिप्पणियां कीं थी. यही कारण है कि सरकार इस दिशा में गंभीरता से काम कर रही है. उन्होंने कहा कि कुनबी प्रमाण पत्र की मांग पर भी सेवानिवृत्त न्यायाधीश शिंदे की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है.
#WATCH | Mumbai: Maharashtra CM Eknath Shinde says, "The government clearly wants to give reservation to the Maratha community. When Devendra Fadnavis was CM, reservation was given to them but unfortunately, it was dismissed by the Supreme Court. The Supreme Court made some… pic.twitter.com/fO6tjmMor6
— ANI (@ANI) September 10, 2023
Maratha Reservation: इससे पहले महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा था कि मराठा आरक्षण पर आज सरकार ने उच्च स्तरीय बैठक की है. उन्होंने कहा कि वो पहले ही प्रदर्शनकारियों से बात कर चुके हैं. उन्होंने कहा कि हम इस मुद्दे को व्यवस्थित तरीके से सुलझाएंगे. हमारी सरकार मराठा आरक्षण से जुड़े मुद्दों को सुलझाने के लिए गंभीर है. उन्होंने कहा, आज उच्च स्तरीय बैठक में मराठा समुदाय को आरक्षण देने पर चर्चा की गई है. सरकार इस दिशा में गंभीरता से काम कर रही है. सीएम शिंदे ने कहा कि मराठा समुदाय को आरक्षण मिलना चाहिए, यही सरकार का मानना है. सीएम शिंदे ने यह भी कहा कि राज्य मंत्री गिरीश महाजन और अन्य मंत्री चर्चा के लिए जाएंगे. हम इस मसले को बातचीत से ही सुलझा सकते हैं.
गौरतलब है कि महाराष्ट्र इस समय मराठा आरक्षण की आग में जल रहा है. मराठा समुदाय के लोग आरक्षण की मांग को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. आरक्षण को लेकर बीते दिनों हुई हिंसा के दौरान करीब 40 पुलिसकर्मी सहित कई लोग घायल हो गए थे, जबकि 15 से अधिक सरकारी बसों को आग के हवाले कर दिया गया था. इधर, आंदोलन कर रहे लोगों का कहना है कि जब तक सरकार मराठा समुदाय को आरक्षण नहीं दे देती तब तक वे आंदोलन जारी रखेंगे. बीते दिनों की हिंसा के बाद आंदोलनकारियों ने पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठाया था. आंदोलनकारियों ने पूछा था कि जब शांतिपूर्ण आंदोलन किया जा रहा है तो पुलिस ने हवाई फायरिंग और लाठीचार्ज क्यों की.
मराठा संगठन ने 11 सितंबर को ठाणे बंद का किया आह्वान
महाराष्ट्र में आरक्षण की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों पर जालना जिले में पुलिस के हालिया लाठीचार्ज के विरोध में एक मराठा संगठन ने 11 सितंबर को यहां बंद का आह्वान किया है. संभाजी ब्रिगेड समर्थित सकल मराठा मोर्चा की ओर से आहूत बंद को राज्य में विपक्षी दलों के स्थानीय नेताओं ने समर्थन दे दिया है. यहां शनिवार को विपक्षी दलों की हुई बैठक में, स्थानीय नेताओं ने बंद को अपने समर्थन का ऐलान किया और ठाणे के लोगों से इसमें हिस्सा लेने की अपील की. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) की नगर इकाई के प्रमुख सुहास देसाई, शिवसेना (यूबीटी) के नगर अध्यक्ष प्रदीप शिंदे, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के नेता रवींद्र मोरे, अविनाश जाधव, मराठा क्रांति मोर्चा के नगर प्रमुख रमेश अम्ब्रे और कांग्रेस की नगर ईकाई के अध्यक्ष विक्रांत चव्हाण ने बैठक में हिस्सा लिया.
2021 में सुप्रीम कोर्ट ने रद्द किया था मराठा आरक्षण
गौरतलब है कि मराठा समुदाय को महाराष्ट्र सरकार की नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में दाखिले में वर्ष 2018 में आरक्षण दिया गया था. उस समय प्रदेश के सीएम फडणवीस थे. हालांकि, इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मई 2021 में कुल आरक्षण की सीमा 50 फीसदी होने सहित अन्य कारणों का हवाला देते हुए इसे रद्द कर दिया था. इसी कड़ी में एक बार फिर मराठा समुदाय आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. अंतरवाली सारथी गांव में मीडिया से बात करने के दौरान आंदोलनकारियों का कहना है कि आंदोलन खत्म नहीं की जाएगी. उन्होंने कहा कि पूरा गांव शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के सीएम ने मराठा आरक्षण को लेकर एक समिति गठित की है, लेकिन उसने अपनी रिपोर्ट अभी तक पेश नहीं की है, इसलिए हम आंदोलन कर रहे हैं.
भाषा इनपुट के साथ