औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर करने का मामला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है. नाम बदलने के मामले को लेकर एआईएमआईएम (AIMIM) सांसद इम्तियाज जलील ने इस फैसले को लेकर विरोध जताया है. जलील ने कहा कि, औरंगाबाद का नाम बदलने से सरकार पर करीब 1000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. उन्होंने यह भी कहा कि यह सिर्फ सरकारी विभाग के दस्तावेजों को बदलने के लिए है. आम लोगों को कई हजार करोड़ के बोझ से गुजरना पड़ रहा है.
#WATCH | Maharashtra: Changing the name of Aurangabad will put a burden of around Rs 1000 crores on the govt. This is only to change the documents of the government department. Common people have to go through a burden of several thousand crores: AIMIM MP Imtiaz Jaleel (11.07) pic.twitter.com/hr17HeSxBF
— ANI (@ANI) July 12, 2022
एआईएमआईएम (AIMIM) सांसद इम्तियाज जलील ने कहा कि किसी भी शहर का नाम बदलने से कई तरह की परेशानी आती है, जिसे वहां के रहने वाले लोगों को उठानी पड़ती है. इसके अलावा इस काम में बहुत बड़ी रकम भी खर्च होती है. उन्होंने कहा कि आम लोगों के टैक्स के पैसे का सरकार बेजां इस्तेमाल कर रही है.
इम्तियाज जलील ने शहर के नाम बदलने को लेकर शरद पवार पर भी निशाना साधा है. जलील ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार के इस दावे हास्यापद बताया है कि वो औरंगाबाद शहर का नाम संभाजीनगर रखने के फैसले से अनजान थे. उन्होंने पवार पर यह भी आरोप लगाया कि शरद पवार अब सिर्फ डैमेज कंट्रोल करने के लिए औरंगाबाद शहर का दौरा कर रहे हैं.
उद्धव ने लिया था नाम बदले जाने का फैसला- शरद पवार: गौरतलब है कि एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने कहा है कि उन्हें औरंगाबाद और उस्मानाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर और धाराशिव रखने के फैसले की जानकारी नहीं थी. गौरतलब है कि 29 जून को उद्धव ठाकरे ने औरंगाबाद शहर का नाम संभाजीनगर रखने की स्वीकृति दी थी. साथ ही उस्मानाबाद शहर का नाम धाराशिव कर दिया गया था.
कई नेता कर चुके हैं विरोध: इससे पहले कई अन्य पार्टियों के नेता भी औरंगाबाद का नाम बदलने के फैसले का विरोध कर चुके हैं. समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी भी औरंगाबाद का नाम बदलने पर आपत्ति दर्ज कर चुके हैं. उन्होंने हाल ही में इस फैसले पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि ऐसे कदम संविधान के लिए चुनौती हैं. उन्होंने कहा था कि, बहुमत के बजाय संविधान पर ध्यान देना चाहिए. क्या कोई इस बात की गारंटी दे सकता है कि शहर का नाम बदलने से उसकी सारी समस्याएं सुलझ जाएंगी.
भाषा इनपुट के साथ
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