Corona Vaccine : मई में ट्रायल फेज, सितंबर तक बनकर हो जायेगा तैयार ! पुणे के वैज्ञानिकों ने युद्ध स्तर पर शुरू किया काम
डेंगू और निमोनिया जैसी बीमारियों की वैक्सिन बना चुकी पुणे की एक प्राइवेट कंपनने दावा किया है कि वे कोरोना वैक्सिन बनाने के बहुत करीब है. कंपनी ने कहा कि कोरोना के वैक्सिन बनाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. अगले कुछ महीनों में हमें सकारात्मक परिणाम देखने को मिल सकता है.
पुणे : डेंगू और निमोनिया जैसी बीमारियों की वैक्सिन बना चुकी पुणे की एक प्राइवेट कंपनने दावा किया है कि वे कोरोना वैक्सिन बनाने के बहुत करीब है. कंपनी ने कहा कि कोरोना के वैक्सिन बनाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. अगले कुछ महीनों में हमें सकारात्मक परिणाम देखने को मिल सकता है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट में कोरना के कहर को रोकने के लिए वैक्सिन बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. इंस्टिट्यूट को उम्मीद है कि सितंबर से अक्टूबर तक वैक्सिन बनाने का काम पूरा हो जायेगा. बताया जा रहा है कि यह वैक्सिन मोनोक्लोनल है.
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1000 तक कीमत- बताया जा रहा है कि इस वैक्सिन की कीमत भारत में 1000 रूपये तक हो सकती है. कंपनी के सीईओ आधार पूनावाला ने अखबार को बताया कि हम मई से भारत में ट्रायल फेज शुरू करेंगे. उसके बाद अगर यह सफल हो गया तो, हम जल्द ही इसे बनाकर तैयार कर लेंगे. हमारी कोशिश है कि यह अफॉर्डेबल कीमत में मिले. भारत में इसकी कीमत 1000 रूपये प्रति डोज हो सकती है.
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बताया जा रहा है कि कंपनी ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से साझेदारी कर वैक्सिन बनाने की तैयारी कर रही है. सितंबर तक यह 2-3 करोड़ वैक्सिन बन जाने की उम्मीद जताई जा रही है. कंपनी के सीईओ ने बताया कि इस प्रोजेक्ट पर तकरीबन 15 करोड़ डॉलर का खर्च आयेगा.
दुनियाभर में 150 प्रोजेक्ट पर काम शुरू– एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार कोरोनावायरस के खात्म के लिए दुनियाभर में वैक्सिन बनाने के लिए 450 प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया जा चुका है. लंदन की ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय ने सात संस्थाओं से वैक्सिन बनाने के लिए हाथ मिलाया है.
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