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दिलीप पाटिल ने एनसीपी चीफ शरद पवार के पीए के रूप में शुरू किया करियर.
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अनिल देशमुख के इस्तीफे के बाद गृहमंत्री के लिए पाटिल का नाम सबसे ऊपर.
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अनिल देशमुख पर पूर्व पुलिस कमिश्नर ने लगाया 100 करोड़ की उगाही का आरोप.
मुंबई : 100 करोड़ रुपये के उगाही का आरोप झेल रहे महाराष्ट्र के गृह मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) नेता अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) ने आज इस्तीफा दे दिया है. एनसीपी चीफ शरद पवार (Sharad Pawar) से मुलाकात के बाद देशमुख ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को अपना इस्तीफा सौंप दिया. इसके बाद एनसीपी के ही वरिष्ट नेता दिलीप वासले पाटिल (Dilip Walse Patil) को महाराष्ट्र का गृह मंत्री बनाये जाने पर विचार हो रहा है. पाटिल पार्टी के कदावर नेता और पवार के करीबी माने जाते हैं.
एनसीपी चीफ शरद पवार के बेहद करीबी माने जाने वाले अनिल देशमुख पर जब आरोपों की झड़ी लगी तो एक बार पवार उनके बचाव में सामने भी आए. लेकिन पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की आरोपों वाली चिट्ठी के बाद जब बॉम्बे हाई कोर्ट ने देशमुख के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश दिये तब देशमुख ने इस्तीफा दे दिया. इसके बाद पवार के दूसरे बेहद करीबी पाटिल का नाम गृह मंत्री के पद के लिए सामने आया. आइए जानतें हैं दिलीप वासले पाटिल के बारे में…
दिलीप वालसे पाटिल का जन्म 30 अक्तूबर 1956 में महाराष्ट्र के अंबेगांव में हुआ. पाटिल अंबेगांव से ही छठी बार एनसीपी की टिकट पर चुनाव जीतकर आए हैं. वर्तमान में पाटिल महाराष्ट्र सरकार में आबकारी और श्रम विभाग के मंत्री हैं. इससे पहले भी पाटिल महाराष्ट्र सरकार में 1999 से 2009 तक वित्त और योजना मंत्रालय, ऊर्जा मंत्रालय, उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्रालय और चिकित्सा शिक्षा मंत्रालय के कैबिनेट मंत्री रहे हैं.
पाटिल शुरुआत से ही पार्टी सुप्रीमो शरद पवार के काफी करीबी माने जाते हैं. एक राजनीतिक परिवार से आने वाले पाटिल ने अपने करियर की शुरुआत शरद पवार के पीए के रूप में की. 1990 में पाटिल पहली बार विधायक बनें. उन्होंने अंबेगांव विधानसभा सीट पर किसनराव बनखेले को हराया. उसके बाद वे अब तक लगातार इस सीट से जीतते रहे हैं.
कई विभागों के मंत्री रहे पाटिल जब महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री के पद पर थे तब उन्होंने मेडिकल की सीटों में एडमिशन के लिए पारदर्शिता लाने के लिए कई महत्वपूर्ण बदलाव किये. नये इंजीनियरिंग कॉलेजों के अप्रूवल के लिए भी उन्होंने काफी काम किया. उनका मानना था कि शिक्षा तक सभी वर्ग के लोगों की पहुंच आसान हो, तभी मूलपरक शिक्षा उपलब्ध करायी जा सकती है. उन्होंने महाराष्ट्र नॉलेज कॉरपोरेशन की स्थापना की, जिसके तहत महराष्ट्र में 5000 से ज्यादा सेंटर हैं.
दिलीप वालसे पाटिल ने महाराष्ट्र में कई सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज और पॉलिटेक्निक कॉलेजों की स्थापना में मुख्य रोल निभाया है. पहली बार जब पाटिल विधानसभा सदस्य के रूप में चुने गये थे तो उन्होंने स्थानीय मुद्दों को सदन की पटल पर बेबाकी से रखने का काम किया. यही वजह है कि पाटिल लगातार अपनी सीट से जीतते रहे हैं. शरद पवार के काफी करीबी होने के कारण ही एनसीपी के खाते से उन्हें गृह मंत्री बनाया जा रहा है.
Posted By: Amlesh Nandan.