मुंबई : महाराष्ट्र में सरकार गिरने के बाद शिवसेना नेता संजय राउत की मुश्किलें बढ़ती जा रहीं हैं. पात्रा चॉल भूमि घोटाला मामले में नाम आने के बाद रविवार सुबह प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी संजय राउत के आवास पहुंचे हैं. इस संबंध में न्यूज एजेंसी एएनआई ने ट्वीट किया है. बताया जा रहा है कि संजय राउत को हिरासत में लेकर ईडी पूछताछ कर सकती है. उनपर जांच में सहयोग नहीं करने का आरोप है. ईडी की छापेमारी अभी जारी है.
कोणत्याही घोटाळ्याशी माझा काडीमात्र संबंध नाही.
शिवसेना प्रमुख बाळासाहेब ठाकरे यांची शपथ घेऊन मी हे सांगत आहे..बाळासाहेबांनी आम्हाला लढायला शिकवलंय..
मी शिवसेनेसाठी लढत राहीन.— Sanjay Raut (@rautsanjay61) July 31, 2022
ईडी के द्वारा की जा रही कार्रवाई के बीच शिवसेना संजय राउत की प्रतिक्रिया सामने आयी है. उन्होंने अपने ट्विटर वॉल पर लिखा कि महाराष्ट्र और शिवसेना की ये जंग जारी रहेगी. मैं शिवसेना छोड़ने वाला नहीं हूं.
Mumbai | Enforcement Directorate officials at Shiv Sena leader Sanjay Raut's residence, in connection with Patra Chawl land scam case pic.twitter.com/gFYdvR89zU
— ANI (@ANI) July 31, 2022
बताया जा रहा है कि संजय राउत को ईडी गिरफ्तार कर सकती है. उन्हें पूछताछ के लिए ईडी दफ्तर ले जाया जा सकता है. यहां चर्चा कर दें कि संजय राउत 1034 करोड़ रुपये के पात्रा चॉल घोटाले में जांच के दायरे में हैं. उन पर जांच में सहयोग न करने का आरोप जाचं एजेंसी ने लगाया है. रविवार सुबह ईडी की एक टीम मुंबई के भांडुप स्थित घर पहुंची है.
महाराष्ट्र आणि शिवसेना लढत राहील.
— Sanjay Raut (@rautsanjay61) July 31, 2022
इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शिवसेना के सांसद संजय राउत को ताजा समन जारी कर उनसे मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में पूछताछ के लिए 27 जुलाई को पेश होने को कहा था. सूत्रों ने बताया कि राउत संसद सत्र का हवाला देकर केन्द्रीय एजेंसी के समक्ष पेश नहीं हुए. राज्यसभा सदस्य के वकील मुंबई में ईडी के अधिकारियों से मिले और लिखित अनुरोध देकर राउत के लिए अगस्त के पहले सप्ताह में पेशी का अनुरोध किया.
शिवसेना नेता ने कुछ भी गलत करने से इनकार किया है और आरोप लगाया है कि राजनीतिक प्रतिशोध के तहत उन्हें निशाना बनाया जा रहा है. राउत महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के विश्वासपात्र हैं. गौरतलब है कि पिछले महीने शिवसेना में बगावत के कारण ठाकरे को मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा था. ईडी ने राउत से एक जुलाई को लगभग 10 घंटे तक पूछताछ की थी.
यहां चर्चा कर दें कि महाराष्ट्र में बड़े पैमाने पर राजनीतिक उठा पटक के बाद सत्ता में आयी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार के गठन को शनिवार को एक महीना पूरा हो गया. शिंदे की अगुवाई में कई विधायकों के शिवसेना नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह करने के 10 दिन बाद राज्य में नयी सरकार का गठन हुआ था. शिंदे ने 30 जून को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली. इस वक्त उद्धव ठाकरे ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद प्रदेश में नयी सरकार बनी थी.
भाषा इनपुट के साथ