‘आतंकवादी से संबंध रखने वाले शामिल नहीं हुए, अच्छा हुआ’, सीएम शिंदे ने विपक्ष पर साधा निशाना, जानें पूरा मामला
कार्यक्रम के बाद सीएम शिंदे ने कहा, "एक तरह से, यह अच्छा था कि विपक्ष हाई टी के लिए नहीं आया, जब उनमें से कुछ के आतंकवादी दाऊद इब्राहिम के साथ संबंध थे. क्या आप ऐसे लोगों को देशद्रोही नहीं कहेंगे? विपक्षी दलों में कुछ ऐसे लोग हैं, जिनके संबंध दाऊद इब्राहिम की बहन हसीन पारकर से रहे हैं.'
Eknath Shinde: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने रविवार को राज्य विधानमंडल के बजट सत्र की पूर्व संध्या पर पारंपरिक चाय पार्टी का बहिष्कार करने के लिए विपक्ष पर निशाना साधा और कहा कि यह अच्छा था कि आतंकवादी दाऊद इब्राहिम के साथ संबंध रखने वाले इसमें शामिल नहीं हुए. राज्य विधानमंडल का बजट सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है और 25 मार्च को समाप्त होगा. ऐसे में रविवार को सरकार के द्वारा आयोजित चाय पार्टी का विपक्षी दलों ने बहिष्कार किया.
‘कुछ के संबंध आतंकवादी दाऊद इब्राहिम से’
कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बात करते हुए, सीएम शिंदे ने कहा, “एक तरह से, यह अच्छा था कि विपक्ष हाई टी के लिए नहीं आया, जब उनमें से कुछ के आतंकवादी दाऊद इब्राहिम के साथ संबंध थे. क्या आप ऐसे लोगों को देशद्रोही नहीं कहेंगे? विपक्षी दलों में कुछ ऐसे लोग हैं, जिनके संबंध दाऊद इब्राहिम की बहन हसीन पारकर से रहे हैं.’ शिंदे स्पष्ट रूप से राज्य के पूर्व मंत्री और राकांपा नेता नवाब मलिक का जिक्र कर रहे थे, जो दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों की गतिविधियों से जुड़े मनी-लॉन्ड्रिंग मामले में पिछले साल गिरफ्तारी के बाद से जेल में हैं.
पूर्व उपमुख्यमंत्री अजित पवार पर भी निशाना साधा
मुख्यमंत्री ने राकांपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री अजित पवार पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा, “अजीत पवार कह रहे हैं कि मैंने अपनी निष्ठा बदल दी, लेकिन उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि मैं अभी भी वही कर रहा हूं जो दिवंगत बालासाहेब ठाकरे ने हमें सिखाया था. यहां तक कि चुनाव आयोग द्वारा हमें नाम और चुनाव चिह्न आवंटित करने का फैसला भी यह साबित करता है.’
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‘पवार पानी से बाहर मछली की तरह’
आगे उन्होंने कहा कि अजित पवार ने एक दिन देवेंद्र फडणवीस के साथ (नवंबर 2019 में) शपथ ली और कुछ दिनों के भीतर इसे फिर से बदल दिया. ऐसे में अगर आरोप लगा रहे है तो गलत है. और ऐसा करने के लिए बुद्धिमान होने की आवश्यकता नहीं है. पवार पानी से बाहर मछली की तरह हैं. चूंकि वह सत्ता से बाहर हैं, इसलिए वह इस तरह से काम कर रहे हैं. बता दें कि आयोजित चाय पार्टी से विपक्ष ने खुद को दरकिनार कर लिया है.