Who is Eknath Shinde: महाराष्ट्र में अचानक से राजनीतिक संकट उत्पन्न हो गया है. कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के सहयोग से चल रही महा विकास अघाड़ी (Maha Vikash Aghari) सरकार अचानक से संकट में आ गयी. सरकार पर जो संकट आया है, वह घटक दलों की वजह से नहीं, बल्कि उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray Latest News) की पार्टी शिवसेना के एक विधायक की वजह से उत्पन्न हुआ है.
उस विधायक का नाम है एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde Thane). शिंदे ने उद्धव ठाकरे को स्पष्ट कर दिया है कि वह बाला साहेब ठाकरे के सिपाही रहे हैं. अगर उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने कांग्रेस और एनसीपी से गठबंधन तोड़कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ सरकार नहीं बनाया, तो वह इस सरकार को गिरा देंगे. उन्हें 35 विधायकों का समर्थन प्राप्त है. दिन भर उन्हें मनाने की कोशिशें चलती रहीं.
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आखिरकार उद्धव ठाकरे के दूत मिलिंद नार्वेकर शिवसेना सुप्रीमो का संदेश लेकर सूरत के उस ला मेरिडियन होटल पहुंचे, जहां एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde Saheb) अपने समर्थक विधायकों के साथ मौजूद हैं. नार्वेकर ने फोन पर उद्धव ठाकरे से एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde Post) की बात करवायी. उद्धव ने शिंदे को मुंबई आकर बात करने के लिए कहा, तो शिंदे ने उद्धव से अपना रुख स्पष्ट करने के लिए कह दिया. इसके पहले शिवसेना सांसद और प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि शिंदे को मना लिया जायेगा.
शिवसेना के मंत्री एकनाथ शिंदे के कुछ पार्टी विधायकों के साथ गुजरात में डेरा डालने के कारण महाराष्ट्र की महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार की स्थिरता से जुड़ी अनिश्चितता के बीच छोटी पार्टियों के 29 विधायकों और निर्दलीय विधायकों की भूमिका अहम हो गयी है. शिवसेना विधायक रमेश लटके के निधन के कारण 288 सदस्यीय राज्य विधानसभा में एक पद रिक्त है. किसी भी पार्टी या गठबंधन को साधारण बहुमत के साथ सत्ता में रहने के लिए फिलहाल 144 विधायकों की जरूरत होगी.
महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन की सरकार में शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस शामिल हैं. गठबंधन सरकार ने 30 नवंबर, 2019 को विधानसभा के पटल पर विश्वास मत हासिल किया था, जिसमें 169 विधायकों ने गठबंधन के पक्ष में मतदान किया था. शिवसेना के पास फिलहाल 55 विधायक हैं. राकांपा के 53 विधायक और कांग्रेस के पास 44 विधायक हैं. सदन में 13 निर्दलीय हैं, जिनमें से एक राजेंद्र पाटील येद्रवकर शिवसेना कोटे से एमवीए सरकार में मंत्री हैं.
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नेवासा से क्रांतिकारी शेतकारी पक्ष के विधायक शंकरराव गडख और प्रहार जनशक्ति पार्टी के बच्चू कडू भी शिवसेना कोटे से मंत्री हैं. प्रहार जनशक्ति पार्टी के सदन में दो विधायक हैं. 13 निर्दलीय उम्मीदवारों में से छह भाजपा के समर्थक हैं, 5 ने शिवसेना को समर्थन किया है, जबकि कांग्रेस और राकांपा को एक-एक निर्दलीय का समर्थन प्राप्त है.
विनय कोरे (जनसुराज्य शक्ति पार्टी) और रत्नाकर गुट्टे (राष्ट्रीय समाज पक्ष) भी भाजपा के समर्थक हैं. इसके अलावा देवेंद्र भुयार (स्वाभिमानी पक्ष) और श्यामसुंदर शिंदे (पीडब्ल्यूपी) राकांपा के समर्थक हैं.
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इस महीने की शुरुआत में महाराष्ट्र की छह सीट के लिए हुए राज्यसभा चुनाव में दो-दो विधायक वाली एआईएमआईएम और समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस का समर्थन किया था, जबकि बहुजन विकास अघाडी (बीवीए) के तीन विधायकों ने भाजपा का समर्थन किया था.
महाराष्ट्र सरकार के मंत्री एकनाथ शिंदे और कुछ अन्य विधायकों से संपर्क न हो पाने की खबरों के बीच पार्टी के विधायक नितिन देशमुख की पत्नी ने पुलिस में अपने पति की ‘गुमशुदगी’ की शिकायत दर्ज करायी है. पुलिस के एक अधिकारी ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी. महाराष्ट्र के अकोला जिले के बालापुर से शिवसेना विधायक देशमुख की पत्नी प्रांजलि देशमुख ने जिले के सिविल लाइंस पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करायी है. प्रांजलि ने पुलिस से अपने पति का जल्दी पता लगाने का आग्रह किया है.
शिव सेना के कद्दावर नेता एकनाथ शिंदे का जन्म 9 फरवरी, 1964 को महाराष्ट्र के सतारा जिले में हुआ. बाद में उनका परिवार ठाणे आ गया. यहीं उनकी पढ़ाई-लिखाई हुई. ठाकरे परिवार के बाद शिवसेना में सबसे कद्दावर नेता माने जाते हैं. 59 वर्षीय एकनाथ शिंदे वर्ष 1980 से शिवसेना में हैं. ठाणे की कोपरी-पांचपखाड़ी सीट से 4 बार विधायक रहे हैं. शिवसेना के कट्टर कार्यकर्ता माने जाने वाले शिंदे महाराष्ट्र सरकार में नगर विकास मंत्री हैं. बताया जा रहा है कि हाल के दिनों में वह अलग-थलग पड़ते जा रहे थे. इसलिए उन्होंने उद्धव को बाला साहेब ठाकरे के शिवसेना की याद दिलायी है. एकनाथ के एक कदम से उद्धव की सरकार संकट में घिर गयी है. एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे ऑर्थोपेडिक सर्जन हैं. साथ ही कल्याण लोकसभा सीट से शिवसेना के सांसद हैं.
बता दें कि एकनाथ शिंदे वर्ष 2014 में तीन महीने के लिए महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे थे. 2014 में महाराष्ट्र सरकार में लोक निर्माण विभाग के कैबिनेट मंत्री रहे. यहां तक कि वर्ष 2019 में जब भाजपा से शिवसेना का गठबंधन टूटा, तो उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे को ही विधानसभा में विधायक दल का नेता बनाया था. तब माना जा रहा था कि शिंदे ही मुख्यमंत्री होंगे, लेकिन शरद पवार और सोनिया गांधी के दबाव में उद्धव को मुख्यमंत्री बनना पड़ा.
शिंदे ने शिवसेना में रहते हुए कई पदों पर काम किया. वर्ष 2004 में विधानसभा के लिए चुने जाने से पहले उन्होंने कई बार पार्टी पार्षद के रूप में काम किया था. वह अपनी पहुंच के लिए भी जाने जाते हैं. मुंबई महानगर क्षेत्र के ठाणे और पालघर जिलों में पार्टी संगठन पर उनकी मजबूत पकड़ है, जो विधानसभा में 24 विधायकों को भेजते हैं.
शिवसेना सांसद और प्रवक्ता संजय राउत ने इस घटनाक्रम के लिए भारतीय जनता पार्टी को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि भाजपा का यह ‘ऑपरेशन लोटस’ चल रहा है. लेकिन, महाराष्ट्र में ‘ऑपरेशन लोटस’ सफल नहीं होगा.
भाषा इनपुट के साथ