पूर्व NCB अधिकारी समीर वानखेड़े को सोशल मीडिया पर जान से मारने की धमकी, मामला दर्ज

समीर वानखेड़े को 14 अगस्त को एक ट्वीटर अकाउंट के जरिए जान से मारने की धमकी मिली. अपनी शिकायत में उन्होंने बताया कि अमन नाम के एक ट्वीटर अकाउंट द्वारा उन्हें मैसेज किया गया था, जिसमें लिखा था...

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 19, 2022 11:52 AM
an image

मुंबई एनसीबी के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े को सोशल मीडिया पर जान से मारने की धमकी मिली है. उन्होंने इसकी जानकारी गोरेगांव थाने को दी. समीर वानखेड़े को 14 अगस्त के दिन जान से मारने की धमकी मिली है. उन्होंने सोशल मीडिया पर धमकी मिलने के बाद गोरेगांव पुलिस में शिकायत कर जांच की मांग की है.


ट्वीटर पर मिली धमकी

समीर वानखेड़े को 14 अगस्त को एक ट्वीटर अकाउंट के जरिए जान से मारने की धमकी मिली. अपनी शिकायत में उन्होंने बताया कि अमन नाम के एक ट्वीटर अकाउंट द्वारा उन्हें मैसेज किया गया था, जिसमें लिखा था, ” तुमको पता नहीं तुमने क्या किया है, इसका हिसाब तुमको देना पड़ेगा”. उन्होंने बताया कि धमकी में आगे लिखा था ” तुमको जान से मार देंगे”. वानखेड़े ने पुलिस को बताया कि ट्वीटर अकाउंट 14 अगस्त को ही बनाया गया था. फिलहार पुलिस मामले की जांच में जुटी है.

जाति प्रमाणपत्र मामले में वानखेड़े को मिली क्लीन चिट

बताते चले कि अभी हाल ही में समीर वानखेड़े ने महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक के खिलाफ मानहानि की शिकायत दर्ज कराई है. वानखेड़े ने महाराष्ट्र के सामाजिक न्याय विभाग की मुंबई जिला जाति प्रमाणपत्र सत्यापन समिति से क्लीन चिट मिलने के बाद यह शिकायत दर्ज कराई. समिति ने सरकारी नौकरी पाने के लिए वानखेड़े द्वारा फर्जी जाति प्रमाणपत्र जमा कराने के आरोपों की जांच की थी.

Also Read: आर्यन खान को क्लीन चिट मिलने के बाद NCB अधिकारी समीर वानखेड़े पर दिलीप वलसे ने की कार्रवाई की मांग
नवाब मलिक पर भी मामला कराया दर्ज

मलिक ने आरोप लगाया था कि वानखेड़े ने सरकारी नौकरी पाने के लिए फर्जी जाति प्रमाणपत्र जमा कराया था. समीर वानखेड़े ने गोरेगांव पुलिस थाने में नवाब मलिक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है, जो धन शोधन के कथित मामले में जेल में बंद हैं. राकांपा नेता के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 500 (मानहानि के लिए सजा), 501 (मानहानि कारक सामग्री का मुद्रण) तथा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार रोकथाम) कानून के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है.

Exit mobile version