मुंबई में भीड़ कम करने के लिए उत्तर प्रदेश, बिहार में रोजगार पैदा करें : शिवसेना

बिहार और उत्तर प्रदेश में रोजगार के अवसर पैदा किये जाये तो मुंबई और पुणे जैसे शहरों में भीड़ कम हो जायेगी. महाराष्ट्र के मुंबई और पुणे जैसे शहरों में आबादी बढ़ने को लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के चिंता जाहिर करने पर शिवसेना ने यह बात बात कही है. साथ ही ये भी कहा है कि मौजूदा हालात से बाहर निकलने का सिर्फ नितिन गडकरी ही रास्ता सुझा सकते हैं. शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में लिखा गया है कि कोरोना संकट के बावजूद कई श्रमिक वापस काम पर मुंबई और पुणे लौट रहे हैं. इसके कारण मुंबई में फिर से आबादी बढ़ रही है. शिवसेना ने सोमवार को कहा कि अगर उत्तर प्रदेश और बिहार में पुणे और मुंबई जैसे स्मार्ट शहर बना लिए जाएं तो देश की आर्थिक राजधानी पर जनसंख्या का बोझ अपने आप कम हो जाएगा.

By Panchayatnama | June 29, 2020 2:01 PM
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बिहार और उत्तर प्रदेश में रोजगार के अवसर पैदा किये जाये तो मुंबई और पुणे जैसे शहरों में भीड़ कम हो जायेगी. महाराष्ट्र के मुंबई और पुणे जैसे शहरों में आबादी बढ़ने को लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के चिंता जाहिर करने पर शिवसेना ने यह बात बात कही है. साथ ही ये भी कहा है कि मौजूदा हालात से बाहर निकलने का सिर्फ नितिन गडकरी ही रास्ता सुझा सकते हैं. शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में लिखा गया है कि कोरोना संकट के बावजूद कई श्रमिक वापस काम पर मुंबई और पुणे लौट रहे हैं. इसके कारण मुंबई में फिर से आबादी बढ़ रही है. शिवसेना ने सोमवार को कहा कि अगर उत्तर प्रदेश और बिहार में पुणे और मुंबई जैसे स्मार्ट शहर बना लिए जाएं तो देश की आर्थिक राजधानी पर जनसंख्या का बोझ अपने आप कम हो जाएगा.

शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में प्रकाशित एक संपादकीय में दावा किया गया है कि लॉकडाउन के दौरान अपने घर गये प्रवासी मजदूर वापस महाराष्ट्र का रूख कर रहे हैं क्योंकि उनके राज्य में उनके पास कोई काम नहीं है. इसका कारण यह है कि उन राज्यों में विकास अब तक नहीं पहुंचा है. संपादकीय में यह भी दावा किया गया कि मुंबई देश के राजकोष में महत्त्वपूर्ण योगदान देता है लेकिन कोविड-19 के खिलाफ जंग में मुंबई को केंद्र से उचित आर्थिक सहायता नहीं प्राप्त मिली.

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बता दे कि पिछले महीने की गडकरी ने कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों का संदर्भ देते हुए मुंबई से भीड़ कम करने की जरूरत पर बल दिया था. क्योंकि घनी आबादी वाला यह शहर विनाशकारी परिणामों का सामना कर रहा है. इसके जवाब में शिवसेना ने सोमवार को कहा कि अगर आप उत्तर प्रदेश और बिहार में मुंबई और पुणे जैसे स्मार्ट शहर बना लें तो इन दोनों शहरों का जनसंख्या घनत्व अपने आप कम हो जायेगा. पहले उन राज्यों में रोजगार पैदा करना होगा. मराठी दैनिक ने कहा कि अगर ये राज्य ज्यादा से ज्यादा अवसंरचाएं खड़ी करें तो गडकरी की चिंता का अपने आप समाधान हो जाएगा. इसने कहा कि करीब 1.50 लाख प्रवासी मजदूर लॉकडाउन के दौरान फिर महाराष्ट्र लौट आए हैं. उनके गृह राज्यों में उनके लिए कोई रोजगार नहीं है. संपादकीय में कहा गया कि लॉकडाउन के दौरान करीब सात से आठ लाख प्रवासी मजदूर मुंबई से उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और ओडिशा गए. शिवसेना ने पूछा कि केंद्र सकार ने जून 2015 में ‘स्मार्ट सिटी’ मिशन शुरू किया था लेकिन इतने वर्षों में कितने शहर स्मार्ट सिटी बने?

Posted By: Pawan Singh

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