23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पत्नी को छोड़ निजी सचिव के साथ रहने लगा था शख्स, अब देना पड़ेगा इतना गुजारा भत्ता

महिला की याचिका के मुताबिक, उसके पति ने उसे छोड़ दिया और अपनी निजी सचिव के साथ रहना शुरू कर दिया. महिला ने आरोप लगाया कि उसके पति ने उसके साथ बुरा व्यवहार किया. उसने दावा किया कि उसके पति ने उसे और उसके (दंपती के) दो बच्चों को बेसहारा छोड़ दिया

Maharashtra News: मुंबई की एक अदालत ने एक व्यक्ति को उससे अलग रह रही उसकी 61 वर्षीय पत्नी को उसे अंतरिम गुजारा भत्ते के रूप में 30 हजार रुपये प्रति माह देने का निर्देश दिया है. अदालत ने यह भी कहा है कि व्यक्ति की आर्थिक स्थिति अच्छी है और महिला पोषक आहार तथा मेडिकल सहायता की अपनी बुनियादी जरूरतें पूरा कर पाने में सक्षम नहीं है. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश माधुरी देशपांडे ने अधिक मुआवजे के महिला के अनुरोध से जुड़ी अपील पर सुनवाई करते हुए उसे 31 मार्च तक अंतरिम राहत प्रदान की.

निजी सचिव के साथ रह रहा है आरोपी पति: महिला की याचिका के मुताबिक, उसके पति ने उसे छोड़ दिया और अपनी निजी सचिव के साथ रहना शुरू कर दिया. महिला ने आरोप लगाया कि उसके पति ने उसके साथ बुरा व्यवहार किया. उसने दावा किया कि उसके पति ने उसे और उसके (दंपती के) दो बच्चों को बेसहारा छोड़ दिया तथा उन्हें कोई वित्तीय सहायता नहीं दी, जबकि उस व्यक्ति का बड़ा कारोबार है और वह अच्छी आर्थिक स्थिति में है.

घर से निकालने का पीड़िता ने जताया डर: अपीलकर्ता महिला को आशंका है कि उसका पति उसे उस घर से निकाल सकता है, जहां वह अभी रह रही है. महिला ने उसे 20 हजार रुपये प्रति माह की दर से गुजारा भत्ता अदा करने संबंधी मजिस्ट्रेट अदालत के निर्देश के बाद अधिक मुआवजे के लिए सत्र अदालत में अपील की थी. मजिस्ट्रेट अदालत ने घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम के तहत उसकी याचिका पर यह फैसला सुनाया था. हालांकि, महिला के पति ने सभी आरोपों से इनकार किया है. उसके मुताबिक, महिला और उनके दो बेटों ने उसे घर से निकाल दिया. इसलिए वह किराये के एक मकान में रहने को मजबूर हुआ. व्यक्ति ने अपनी निजी सचिव के साथ प्रेम संबंध होने की बात से भी इनकार किया है.

Also Read: Vande Bharat Express: महज 5 घंटे 15 मिनट में अजमेर से दिल्ली, जानिए कहां-कहां होगा वंदे भारत ट्रेन का स्टॉपेज

अदालत ने सुनाया यह फैसला: अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कहा कि रिकार्ड में पेश किये गये दस्तावेजी साक्ष्यों से यह स्पष्ट रूप से जाहिर होता है कि व्यक्ति की अच्छी आर्थिक स्थिति है और अपीलकर्ता को गुजारा भत्ता मुहैया करने में वह सक्षम है. अदालत ने कहा कि यह भी प्रतीत होता है कि अपीलकर्ता एक वरिष्ठ नागरिक है और वह 61 वर्ष की है. उसे पोषक आहार मेडिकल सहायता तथा अन्य आवश्यक खर्चों को पूरा करने की जरूरत है. अदालत ने कहा कि अंतरिम गुजारा भत्ता अपील के निस्तारण तक उस तारीख यानी अक्टूबर 2020 से अदा किया जाए जब यह दायर की गई थी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें