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महाराष्ट्र सहित देश के कई राज्यों में फिर पैर फैलाने लगा कोरोनावायरस.
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हिंगोली जिले में एक सप्ताह के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया है.
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पुणे में स्कूलों कॉलेजों को 14 मार्च तक बंद रखने का निर्देश दिया गया.
Lockdown In Maharashtra औरंगाबाद : महाराष्ट्र के हिंगोली में कोविड-19 के रोजाना बढ़ते मामलों को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने एक से सात मार्च तक कर्फ्यू (Curfew in hingoli) लगाने का फैसला किया है. राज्य में मराठवाड़ा क्षेत्र के हिंगोली में शनिवार को कोविड-19 के 46 नये मामले सामने आये जिससे संक्रमितों की संख्या बढ़कर 4083 हो गयी. हिंगोली के जिलाधिकारी रूचेश जायवंशी ने कहा कि सोमवार को सुबह सात बजे कर्फ्यू लग जायेगा जो सात मार्च आधी रात तक जारी रहेगा. वहीं, पुणे में स्कूल और कॉलेजों को बंद रखने का आदेश दिया गया है.
आदेश के अनुसार स्कूल, कॉलेज, धार्मिक स्थल एवं कार्यक्रम सभागार इस दौरान बंद रहेंगे, जबकि बैंक केवल प्रशासनिक कार्य के लिए खुलेंगे. सरकारी कार्यालयों में कामकाज चलता रहेगा. वहीं, पुणे में नाइट कर्फ्यू की अवधि बढ़ाकर 14 मार्च तक कर दी गयी है. महाराष्ट्र के ठाणे में कोविड-19 के 625 नये मामले सामने आने के बाद जिले में संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 2,64,250 हो गई. एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी.
उन्होंने कहा कि शनिवार को सामने आये इन नये मामलों के अलावा जिले में महामारी से पांच और मरीजों की मौत भी हुई जिसके बाद यहां इस संक्रामक रोग से जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 6,268 हो गई. उन्होंने कहा कि जिले में कोविड-19 से मृत्यु दर 2.37 प्रतिशत है. अधिकारी ने बताया कि जिले में अब तक 2,52,029 मरीज संक्रमण से पूरी तरह ठीक हो चुके हैं और स्वास्थ होने की दर 95.38 प्रतिशत है.
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कोरोना वायरस संक्रमण के कारण पिछले साल लगाये गये लॉकडाउन के दौरान महाराष्ट्र के करीब 96 प्रतिशत लोगों की आमदनी में कमी आई है. राज्य में ‘अन्न अधिकार अभियान’ के तहत किये गये सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है. ‘अन्न अधिकार अभियान’ की राज्य की समन्वयक मुक्ता श्रीवास्तव ने बताया कि आमदनी में कमी आने का मुख्य कारण नौकरियां जाना और कार्य की अनुपलब्धता थी.
उन्होंने बताया कि सर्वेक्षण में शामिल हर पांचवें व्यक्ति को भोजन खरीदने के लिए पैसा नहीं होने के कारण भूखे रहने पर मजबूर होना पड़ा. इस अभियान के तहत खाद्य एवं पोषण क्षेत्र के कार्यकर्ताओं के एक समूह ने पिछले साल मई और सितंबर में मुंबई, ठाणे, रायगढ़, पुणे, नंदुरबार, सोलापुर, पालघर, नासिक, धुले और जलगांव में कुल 250 लोगों का सर्वेक्षण किया. केंद्र ने देश में कोविड-19 महामारी के कारण पिछले साल मार्च में राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की थी, जिसके कुछ महीने बाद प्रतिबंधों में धीरे-धीरे ढील दी गई थी.
भाषा इनपुट के साथ
Posted By: Amlesh Nandan.