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Maharashtra News: क्या महाराष्ट्र की सियासत में होने वाला है कोई नया खेल, पार्टियों में हो रही अनबन दे रही बड़ा संकेत!

Maharashtra News: महाराष्ट्र में एक सीट जीतने वाली अजित पवार की एनसीपी लोकसभा चुनाव के बाद निशाने पर है. आरएसएस के मुखपत्र ऑर्गेनाइजर में छपे एक लेख ने एनडीए में मचे घमासान को और भी ज्यादा हवा दे दी है.

Maharashtra News: लोकसभा चुनाव नतीजों के आने के बाद से ही महाराष्ट्र का चुनावी माहौल गरमाया हुआ है. तीन-चार महीने बाद ही राज्य में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और अभी से एनडीए और इंडिया गठबंधन में पार्टियों के बीच आपसी अनबन की खबरें आने लगी हैं. असल में एनडीए को प्रदेश में मिली करारी हार को लेकर आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गया है. जहां एक तरफ मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने ‘400 पार’  वाले नारे को हार की वजह बताया तो आरएसएस के मुखपत्र ऑर्गेनाइजर ने अजित पवार की एनसीपी से गठबंधन को हार का जिम्मेदार ठहरा दिया. इंडिया गठबंधन के सहयोगियों के बीच भी ऐसी ही तकरार देखने को मिल रही  है. उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना-यूबीटी की कांग्रेस संग बात नहीं बन पा रही है.उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी को अकेले उतारने का भी मन बना लिया है.

शिंदे ने 400 पार नारे को बताया हार की वजह,आरएसएस ने साधा अजित पवार पर निशाना
महाराष्ट्र में  एक सीट जीतने वाली अजित पवार की एनसीपी लोकसभा चुनाव के बाद निशाने पर है. आरएसएस के मुखपत्र ऑर्गेनाइजर में छपे एक लेख ने एनडीए में मचे घमासान को और भी ज्यादा हवा दे दी है. ऑर्गेनाइजर ने लिखा है, “महाराष्ट्र में जो राजनीतिक प्रयोग किया गया, उसकी जरूरत नहीं थी. एनसीपी का अजित पवार वाला गुट बीजेपी के साथ आ गया, जबकि बीजेपी और विभाजित शिवसेना के पास पर्याप्त बहुमत था.” इसमें आगे लिखा गया, “एनसीपी में चचेरे भाई-बहनों में जिस तरह की कलह चल रही है, उससे शरद पवार दो-तीन साल में ही फीके पड़ जाते. ऐसे में अजित पवार को लेने का अविवेकपूर्ण कदम क्यों उठाया गया? बीजेपी ने एक झटके में अपनी ब्रांड वैल्यू कम कर दी.” एनसीपी नेता सूरज चौहान ने कहा कि आरएसएस ने जो भी लिखा है उससे हमारी पार्टी के ब्रांड को खराब करने की कोशिश की गई है और अगर ऐसा कोई करेगा तो हमे भी सामने आना पड़ेगा. वहीं,महाराष्ट्र मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने 400 वाले नारे को महाराष्ट्र में हार की एक बड़ी वजह बताया था.जिसकी वजह से लोगों के मन में एक आशंका बन गई और विपक्ष ने भी इसे लेकर झूठा नैरेटिव बनाया की 400  पार सीट आने के बाद बीजेपी संविधान बदल देगी.

कांग्रेस और शिवसेना-यूबीटी में अनबन खबरें
दरअसल, चुनाव के बाद कांग्रेस प्रदेश में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है और इसका असर उद्धव ठाकरे की शिवसेना पर होने की संभावना है. अब राज्य के राजनीतिक गलियारों में चर्चा ये है कि विधानसभा चुनाव में उद्धव अकेले उतरने का मन बना रहे हैं. जानकारी के मुताबिक उद्धव ठाकरे की शिवसेना यूबीटी महाराष्ट्र विधानसभा में अपने दम पर लड़ने की तैयारी में जुट गई है. बुधवार को मुंबई में पार्टी नेताओं की बैठक हुई जिसमें पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे भी शामिल हुए. खबर है कि मीटिंग में उद्धव ने पार्टी नेताओं से कहा कि वो सभी विधानसभा के लिये तैयार हो जाएं. इन खबरों को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं पहली वजह महाराष्ट्र में कांग्रेस का सबसे बड़ी पार्टी बन जाना है. दूसरी वजह सांगली लोकसभा सीट पर कांग्रेस से मतभेद है और तीसरी वजह विधान परिषद में उम्मीदवारों को लेकर खींचातानी है.

लोकसभा चुनाव के दौरान सांगली सीट को लेकर कांग्रेस और शिवसेना में तनातनी बनी हुई थी.  कांग्रेस इस सीट पर दावा कर रही थी लेकिन सीट शिवसेना को मिली. कांग्रेस के दावेदार विशाल पाटिल ने यहाा से निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत भी गये. यहां उद्धव का उम्मीदवार तीसरे नंबर पर पहुंच गया. ऐसी बातें सामने आने लगी की यहां गढ़बंधन की शर्तों का उल्लंघन किया गया. अगर स्थिति ऐसी ही रही तो विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ज्यादा सीटों पर दावा कर सकती है. शिवसेना-यूबीटी शायद  इन्ही कारणों से अकेले चुनाव लड़ना चाहती है.

चाहे कुछ भी हो जाए, मेरा प्रयास महाराष्ट्र पर नियंत्रण रखना होगा: शरद पवार
वहीं एनसीपी (सपा) प्रमुख शरद पवार ने गुरुवार को कहा कि उनका प्रयास महाराष्ट्र पर नियंत्रण हासिल करना होगा, जिसके लिए उनकी पार्टी को इस साल के अंत में होने वाले राज्य विधानसभा चुनावों में जीत हासिल करनी होगी. उनके नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) ने हाल ही में संपन्न आम चुनावों में महाराष्ट्र में दस में से आठ लोकसभा सीटों पर जीत हासिल करके प्रभावशाली प्रदर्शन किया. शरद पवार की बेटी और एनसीपी (सपा) उम्मीदवार सुप्रिया सुले ने अपने चचेरे भाई अजीत पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार को हराकर लगातार चौथी बार बारामती सीट के लिए पारिवारिक मुकाबले में जीत हासिल की. ​​लोकसभा चुनाव परिणामों के बाद, शरद पवार बारामती में लोगों से मिल रहे हैं और राज्य विधानसभा चुनावों की तैयारी कर रहे हैं. महाराष्ट्र की राजनीति में उभरते नए समीकरणों की संभावना आने वाले विधानसभा चुनाव में उभरकर सामने आने वाले हैं.

इनपुट- मोहित दलाल

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