मुंबई : महाराष्ट्र की एटीएस ने दावा किया है कि मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर मिली विस्फोटक से लदी स्कॉर्पियो के बाद उसके मालिक हिरेन मनसुख की मौत की गुत्थी सुलझ गई है. महाराष्ट्र एटीएस के डीआईजी शिवदीप लांडे ने फेसबुक पर यह दावा किया है. इससे पहले, एटीएस ने दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया था. एक अधिकारी ने बताया कि शनिवार देर रात को एक पुलिसकर्मी विनायक शिंदे और एक सटोरिये नरेश धारे को गिरफ्तार किया गया. एंटीलिया मामले में एटीएस ने मुख्य आरोपी बनाया है.
अधिकारी ने कहा कि मामले के संबंध में पूछताछ के लिए दोनों आरोपियों को शनिवार को एटीएस मुख्यालय में बुलाया गया था और बाद में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. उन्होंने बताया कि शिंदे और लखन भैया फर्जी मुठभेड़ मामले में दोषी है. पिछले साल ही वह कुछ दिनों के लिए फरलो पर जेल से बाहर आया था. यह गिरफ्तारी उस दिन की गई, जब केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हिरेन की मौत के मामले की जांच एनआईए को सौंप दी. तब तक इस मामले की जांच एटीएस कर रही थी.
अधिकारी ने कहा कि राज्य एटीएस ने अब तक कई लोगों से पूछताछ की है, जिनमें मृतक के परिजन और पुलिस अधिकारी शामिल हैं. इन दोनों की गिरफ्तारी इस मामले में मिली बड़ी कामयाबी है. एनआईए विस्फोटकों की लदी कार और सचिन वाजे प्रकरण की जांच भी कर रही है.
महाराष्ट्र ATS ने मनसुख हिरेन हत्या मामले में ‘एनकाउंटर स्पेशलिस्ट’ सचिन वाजे को मुख्य आरोपी माना है. ब इस मामले में DIG (ATS) के शिवदीप लांडे ने फेसबुक पर दावा किया है कि मनसुख हिरेन मामले को सुलझा लिया गया है. अपनी फेसबुक प्रोफाइल पर पोस्ट लिखते हुए लिखा है कि अति संवेदनशील मनसुख हिरेन मर्डर केस की गुत्थी सुलझी. मैं अपने पूरे ATS पुलिस फ़ोर्स के सभी साथियों को दिल से सैल्यूट करता हूं, जिन्होंने पिछले कई दिनों से रात-दिन एक कर इस केस में न्याय पूर्ण तरीके से परिणाम निकाला. ये केस मेरे पुलिस करियर में अब तक के सबसे जटिल केसों में से एक रहा है.’
इस मामले में ATS ने कुल तीन आरोपी बनाए हैं. एक सचिन वाजे, दूसरा नरेश (क्रिकेट बुकी) और तीसरा सस्पेंडेड पुलिसकर्मी विनायक शिंदे है. पुलिस ने नरेश और पुलिस कांस्टेबल को गिरफ्तार कर लिया है. मनसुख हिरेन हत्याकांड की जांच में एटीएस को 3 मोबाइल फोन मिले हैं और जरात राज्य में रजिस्टर वोडाफोन के कुल 8 सिम कार्ड भी मिले हैं.
Posted by : Vishwat Sen