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महाराष्ट्र में OPS के लिए धरने पर बैठे कर्मचारी तो शिंदे सरकार ने प्राइवेट एजेंसियों से कर ली हायरिंग

Maharashtra OPS Strike: महाराष्ट्र में ओपीएस को लेकर सरकार के लाखों कर्मचारी आरपार के मूड में नजर आ रहे हैं. हड़ताल की वजह से कामकाज बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. साथ ही राज्य सरकार की किरकिरी भी हो रही है.

Maharashtra OPS Strike: महाराष्ट्र में पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) की बहाली की मांग को लेकर सरकारी कर्मचारियों की हड़ताल जारी है. शिंदे-फडणवीस सरकार ने हड़ताली कर्मचारियों को मेस्मा (MESMA) लगाने की चेतावनी भी दी थी. बावजूद इसके कर्मचारी हड़ताल वापस लेने को तैयार नहीं है. बताया जा रहा है कि ओपीएस को लेकर महाराष्ट्र सरकार के लाखों कर्मचारी इस बार आरपार के मूड में नजर आ रहे हैं. हड़ताल की वजह से कामकाज बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. साथ ही राज्य सरकार की किरकिरी भी हो रही है.

महाराष्ट्र सरकार ने ढूंढ निकाला नया तरीका

ऐसे में शिंदे-फडणवीस सरकार ने काम को सुचारू रूप से चलाने का एक नया तरीका ढूंढ लिया है. महाराष्ट्र सरकार ने 9 निजी एजेंसियों को कर्मचारी नियुक्त करने का ठेका दिया है, जो सरकारी और अर्ध सरकारी खाली पदों को भरने का काम करेंगी. यह नियुक्तियां कॉन्ट्रैक्ट पर होंगी. सरकार के इंडस्ट्री एंड लेबर मंत्रालय ने इस संबंध में जीआर भी निकाला है. जिसके तहत प्रशिक्षित एवं गैर प्रशिक्षित लोगों को सरकारी विभागों में कॉन्ट्रैक्ट पर नौकरी दी जाएगी.

इन पदों पर एजेंसियों के माध्यम से होगी भर्तियां

जिन नौ एजेंसियों को कर्मचारी मुहैया कराने का ठेका मिला है, वो अगले 5 साल में 74 श्रेणियों में सरकार के विभिन्न विभागों के लिए कर्मचारी मुहैया कराएंगी. इन एजेंसियों द्वारा प्रोजेक्ट ऑफिसर, प्रोजेक्ट कंसलटेंट, सीनियर और जूनियर इंजीनियर, ऑडिटर, डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर, लॉ ऑफिसर, टीचर और सुपरिंटेंडेंट जैसे पद भरे जायेंगे. स्थानीय निकाय दफ्तरों में भी इन पदों पर भर्तियां इन्हीं एजेंसियों के माध्यम से होंगी.

एनसीपी नेता ने उठाया सवाल

इस मुद्दे को लेकर बुधवार को एनसीपी नेता अजित पवार ने कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर भर्ती करने के संबंध में जारी सरकारी आदेश को वापस लेने की मांग की. हालांकि, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि यह सही फैसला है. उन्होंने सदन में कहा कि यह फैसला राज्य की पूर्ववर्ती एमवीए सरकार द्वारा लिया गया था. वहीं, अजित पवार ने कहा कि कॉन्ट्रैक्ट पर भर्ती कुछ कर्मचारियों को राज्य के मुख्य सचिव से भी ज्यादा वेतन मिलने लगता है. इस सरकारी आदेश के समय पर भी सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे में जबकि सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन व्यवस्था के लिए आंदोलन कर रहे हैं, सरकार ने संविदा के आधार पर भर्ती करने का फैसला लिया है. इसके जवाब में फडणवीस ने कहा कि संविदा के आधार पर लोगों की भर्ती करने का फैसला और टेंडर एमवीए सरकार के कार्यकाल में जारी किये गए थे. हमारी सरकार तो यह फैसला सिर्फ लागू कर रही है क्योंकि यह सही फैसला है.

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