उद्धव ठाकरे पर अमरावती सांसद नवनीत राणा का तंज, कहा- जो राम, हनुमान का नहीं वो किसी काम का नहीं
Maharashtra: अमरावती सांसद नवनीत राणा ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर तंज कसते हुए कहा है कि जो भगवान राम और हनुमान का नहीं वो किसी काम का नहीं है.
Maharashtra: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर अमरावती सांसद नवनीत राणा ने तंज कसते हुए कहा है कि जो भगवान राम, हनुमान का नहीं वो किसी काम का नहीं है. ठाकरे गुट वाले शिवसेना को चुनाव आयोग से झटका लगने पर नवनीत राणा ने कहा कि भोलेनाथ ने उद्धव ठाकरे को सुंदर प्रसाद दिया है.
शिवसेना के प्रतीक और उसकी विरासत के हकदार हैं शिंदे: नवनीत राणा
उल्लेखनीय है कि चुनाव आयोग ने शिवसेना का नाम और चुनाव चिन्ह धनुष-बाण शिंदे गुट को सौंप दिया है. आयोग के फैसले के बाद सांसद नवनीत राणा ने उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए उक्त बातें कहीं. उन्होंने कहा कि एकनाथ शिंदे जमीनी स्तर पर बाल ठाकरे के साथ रहे हैं और पूरी तरह से शिवसेना के प्रतीक और उसकी विरासत के हकदार हैं.
#WATCH | "…They say 'Jo Ram ka nahi jo Hanuman ka nahi, wo kisi kaam ka nahi aur Dhanush-Baan unka nahi.' Uddhav Thackeray has got prasad of Lord Shiv," says Amravati MP Navnit Rana
Y'day EC ordered that “Shiv Sena” name & “Bow & Arrow” symbol to be retained by Shinde faction pic.twitter.com/iZBccUJ2eA
— ANI (@ANI) February 18, 2023
शिंदे की ओर से दायर की गई थी याचिका
बताते चलें कि महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे की ओर से दायर 6 महीने पुरानी याचिका पर शुक्रवार को चुनाव आयोग का फैसला आया. एक सर्वसम्मत आदेश में तीन सदस्यीय आयोग ने कहा कि यह विधायक दल में पार्टी की संख्या बल पर निर्भर था, जहां मुख्यमंत्री को 55 में से 40 विधायकों और 18 लोकसभा सदस्यों में से 13 का समर्थन प्राप्त था. चुनाव आयोग के इस फैसले के बाद शिंदे ने इसे सच्चाई और लोगों की जीत करार दिया. साथ ही इस फैसले को बालासाहेब ठाकरे का आशीर्वाद बताया.
सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे ठाकरे
चुनाव आयोग के फैसले से मिली राहत के तत्काल बाद एकनाथ शिंदे ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट की प्रोफाइल फोटो बदल दी और शिवसेना के धनुष-बाण का चिह्न लगाया. इसके साथ ही उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुट के बीच बयानबाजी का दौर शुरू हो गया. वहीं, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि वह चुनाव आयोग के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे. यह पहली बार है कि ठाकरे परिवार ने उस पार्टी का नियंत्रण खो दिया है, जिसकी स्थापना 1966 में बालासाहेब ठाकरे ने की थी.