मुंबई : भारतीय जनता पार्टी ने पूरे महाराष्ट्र में धार्मिक स्थलों को खोलने की मांग को लेकर प्रदर्शन शुरू कर दिया है. भाजपा का कहना है कि जब राज्य से बड़े प्रतिष्ठानों को खोलने की इजाजत मिल गयी है तो छोटे कारोबारियों के साथ भेदभाव क्यों किया जा रहा है. भाजपा नेता प्रसाद लाड को मुंबई पुलिस ने सिद्धिविनायक मंदिर के बाहर से हिरासत में ले लिया है. धार्मिक स्थलों को खोलने को लेकर राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र भी लिखा है. राज्यपाल ने कहा कि आप अचानक से सेक्युलर कैसे हो गये. इसपर ठाकरे ने कहा कि हमें आपसे हिंदुत्व का सर्टिफिकेट नहीं चाहिए.
मंदिर के बाहर प्रदर्शन कर रहे प्रसाद लाड ने सोमवार को कहा कि महाराष्ट्र सरकार को पूरे राज्य के धार्मिक स्थलों को खोलने का निर्णय तुरंत लेना चाहिए. अगर ऐसा नहीं हुआ तो हम पूरे राज्य में प्रदर्शन करेंगे. सिद्धिविनायक मंदिर के बाहर अपने समर्थकों के साथ प्रदर्शन कर रहे प्रसाद ने कहा कि हम मंदिर में प्रवेश का रास्ता बना लेंगे. ऐसा कहने के बाद पुलिस ने उन्हें और समर्थकों को हिरासत में ले लिया.
दूसरी ओर, इस मुद्दे पर राज्यपाल और मुख्यमंत्री भी आमने सामने आ गये हैं. राज्यपाल कोशियारी ने मुख्यमंत्री उद्धव को पत्र लिखकर मंदिरों को खोलने की मांग की है. उन्होंने सावधानी के साथ धार्मिक स्थलों को खोलने के लिए कहा. पत्र में तंज करते हुए उन्होंने लिखा कि क्या आपको कोई दैवीय प्रेरणा मिल रही है कि आप मंदिरों को नहीं खोल रहे. आप अचानक से सेक्युलर कैसे हो गये. पहले तो आप इस शब्द से नफरत करते थे.
राज्यपाल के तंज का जवाब देते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि हमें आपसे हिंदुत्व के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि जैसे अचानक से लॉकडाउन को लागू करना सही नहीं था, एक बार में इसे पूरी तरह से खोलना भी सही नहीं होगा. उन्होंने कहा कि बता दें कि आज ही एक कार्यक्रम को संबोधित करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि महाराष्ट्र में कोरोनावायरस संक्रमण की स्थिति अभी भी चिंताजनक है. उन्होंने कहा कि सभी से अपील करता हूं कि लापरवाही न करें और मास्क जरूर लगाएं. सोशल डिस्टैंसिंग का पालन जरूर करें. जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं.
भाजपा का कहना है कि धार्मिक स्थलों के आसपास रहने वाले छोटे कारोबारियों की दुकानें पिछले कई महीनों से बंद है. उनके भी छोटे-छोटे बच्चे हैं. उनके खाने के वांदे हो गये हैं. ऐसे में सरकार को उनके बारे में सोचना चाहिए और जिस प्रकार बाकी चीजें खुल गयी हैं, उसी प्रकार धार्मिक स्थलों को भी खोल देना चाहिए.
बता दें कि अनलॉक-5 में केंद्र सरकार ने धार्मिक स्थलों को खोलने का निर्णय राज्य सरकारों पर छोड़ दिया है. हां, लेकिन ऐसा कोई भी फैसला लेने से पहले राज्यों को केंद्र से चर्चा करनी होगी और केंद्र को कोविड-19 से सुरक्षा के प्रति आश्वस्त करना होगा. भाजपा कार्यकर्ता सिद्धिविनायक मंदिर, शिरडी साईं मंदिर सहित कई बड़े मंदिरों के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं और मंदिर में प्रवेश की मांग कर रहे हैं.
Posted By: Amlesh Nandan.