कोरोना वायरस की महामारी के खिलाफ देशव्यापी जंग के बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के लिए राहत भरी खबर है. उन्होंने अपना मुख्यमंत्री पद बरकरार रखने के लिए जो चुनाव कराने की मांग की थी, वे 21 मई को होंगे. चुनाव आयोग द्वारा महाराष्ट्र में विधान परिषद(एमएलसी) की रिक्त नौ सीटों पर विशिष्ट दिशानिर्देशों के साथ 21 मई को चुनाव कराए जाने की संभावना है. कोरोना संकट के कारण आयोग ने चुनाव पर अंतरिम रोक लगा दी थी. ‘भाषा’ के मुताबिक, आयोग के सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी देते हुए बताया की महाराष्ट्र विधान परिषद की 24 अप्रैल को ख़ाली हुई नौ सीटों पर 21 मई को मुंबई में मतदान हो सकता है.
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सूत्रों ने बताया कि आयोग ने कोरोना संक्रमण से बचाव के एहतियाती उपाय सुनिश्चित करते हुए विधान परिषद की रिक्त सीटों का चुनाव कराने की मंज़ूरी दी है. एक अधिकारी ने बताया की 27 मई से पहले चुनाव प्रक्रिया पूरी करने के लिए 21 मई को मतदान कराया जा सकता है.उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने गुरुवार को आयोग से विधान परिषद की रिक्त हुई सीटों पर चुनाव कराने का अनुरोध किया था. इस पर आयोग ने कोरोना संकट के मद्देनज़र चुनाव कराने पर लगाई गई पाबंदी में विशेष परिस्थियों का हवाला देते हुए ढील देने का फ़ैसला किया है. आयोग ने कहा कि महाराष्ट्र विधान परिषद की रिक्त सीटों पर कोरोना के मद्देनज़र विशिष्ट दिशानिर्देशों के तहत चुनाव कराया जाएगा.
उल्लेखनीय है कि ये सीटें 24 अप्रैल को रिक्त हुई हैं. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के 28 मई से पहले राज्य विधानमंडल का सदस्य बनने की संवैधानिक अनिवार्यता को देखते हुए आयोग ने यह फ़ैसला किया है. आयोग के इस फ़ैसले से ठाकरे के लिए वाया विधान परिषद, विधायक बनने का रास्ता साफ़ हो जाएगा. सूत्रों ने बताया कि महाराष्ट्र के मुख्य सचिव ने आयोग को भरोसा दिलाया है कि कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए केंद्र सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देश का पालन करते हुए विधान परिषद की रिक्त सीटों पर मतदान कराया जा सकता है. विधान परिषद के चुनाव में विधानसभा सदस्य ही मतदान करते है.
संविधान के मुताबिक़ उनके लिए मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के छह महीने के भीतर विधान मंडल के किसी सदन का सदस्य होने की अनिवार्य समयसीमा 28 मई को समाप्त हो रही है. कोरोना संकट के कारण विधान सभा की किसी सीट पर उपचुनाव संभव नहीं होने के कारण ठाकरे ने राज्यपाल कोटे की विधान परिषद सीट पर उन्हें मनोनीत करने का कोश्यारी से अनुरोध किया था. राज्य विधान परिषद में राज्यपाल कोटे की दो सीट सुरक्षित हैं. हालांकि राज्यपाल ने ठाकरे को मनोनीत करने के बजाय आयोग से विधान परिषद की रिक्त सीटों पर चुनाव कराने का अनुरोध किया है.