Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र में सियासी खींचतान जारी है. एकनाथ शिंदे के साथ तीन दर्जन से अधिक विधायक अब भी गुवाहाटी में डेरा डाले हुए हैं. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की भावुक अपील के बाद शिवसेना के राज्यसभा सांसद और प्रवक्ता संजय राउत ने बागी विधायकों से कहा है कि वे मुंबई आकर पार्टी नेतृत्व से बात करें.
संजय राउत ने गुरुवार को कहा कि अगर शिवसेना के सभी विधायक चाहते हैं कि पार्टी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) से बाहर आ जाये, तो पार्टी बाहर आ जायेगी. लेकिन, विधायक गुवाहाटी से बात करना छोड़ें. मुंबई लौटकर अपनी बात रखें. शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे के विद्रोह के बीच, संजय राउत ने कहा कि अगर असम में डेरा डाले हुए बागी विधायकों का समूह 24 घंटे में मुंबई लौटता है और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ मामले पर चर्चा करता है, तो शिवसेना महाराष्ट्र में महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार छोड़ने के लिए तैयार है.
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शिंदे वर्तमान में शिवसेना के 37 बागी विधायकों और 9 निर्दलीय विधायकों के साथ गुवाहाटी में डेरा डाले हुए हैं. इसकी वजह से पार्टी के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार संकट में घिर गयी है. एमवीए सरकार में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और कांग्रेस भी साझेदार हैं.
MLAs should not communicate from Guwahati, they should come back to Mumbai and discuss all this with CM. We are ready to consider exiting out of MVA if this is the will of all MLAs, but for that, they have to come here & discuss it with the CM: Shiv Sena leader Sanjay Raut pic.twitter.com/295dmSFsjy
— ANI (@ANI) June 23, 2022
संजय राउत ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘आप कहते हैं कि आप असली शिवसैनिक हैं और पार्टी नहीं छोड़ेंगे. हम आपकी मांग पर विचार करने के लिए तैयार हैं, बशर्ते आप 24 घंटे में मुंबई वापस आएं और सीएम उद्धव ठाकरे के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करें. आपकी मांग पर सकारात्मक रूप से विचार किया जायेगा. ट्विटर और व्हाट्सऐप पर चिट्ठी मत लिखिए.’
उन्होंने कहा, ‘बागी, जो मुंबई से बाहर हैं, ने हिंदुत्व का मुद्दा उठाया है. अगर इन सभी विधायकों को लगता है कि शिवसेना को एमवीए से बाहर निकलना चाहिए, तो मुंबई वापस आने की हिम्मत दिखाएं. आप कहते हैं कि आपको सिर्फ सरकार के साथ परेशानी है और यह भी कहते हैं कि आप सच्चे शिवसैनिक हैं. आपकी मांग पर विचार किया जाएगा, लेकिन आएं और उद्धव ठाकरे से बात करें.’
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बुधवार को शिंदे के विद्रोह के बीच शीर्ष पद छोड़ने की पेशकश की थी. बाद में उपनगरीय बांद्रा में अपने परिवारिक घर जाने से पहले दक्षिण मुंबई में अपना आधिकारिक आवास भी खाली कर दिया था.