Maharashtra Political Crisis : अब इस पैंतरे से बचेगी उद्धव की कुर्सी ! जानें महाविकास अघाड़ी की क्या है रणनीति

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने महाविकास आघाड़ी की सरकार को बचाने के लिए नया दांव खेला है, जिसके तहत आज एकबार फिर से कैबिनेट बैठक बुलाई गयी है. इस बैठक में सरकार को अस्थिरता से बचाने को लेकर नया प्रस्ताव पास किया जायेगा.

By AvinishKumar Mishra | April 29, 2020 10:20 AM
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मुंबई : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सीएम की कुर्सी बचाने के लिए नया दांव खेला है, जिसके तहत आज एकबार फिर से कैबिनेट बैठक बुलाई गयी है. इस बैठक में सरकार को लेकर अस्थिरता से बचाने को लेकर नया प्रस्ताव पास किया जायेगा. कैबिनेट बैठक में चुनाव आयोग से एमएलसी चुनाव कराने की सिफारिश की जायेगी. अगर आयोग सिफारिश को मान लेता है तो, महाराष्ट्र में विधानपरिषद का चुनाव होगा और उद्धव ठाकरे सीएम पद पर बनें रहेंगे.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे को विधानपरिषद (MLC) के सदस्य चुनने के लिए नयी कवायद शुरू की जायेगी. आज कैबिनेट बैठक में चुनाव आयोग से एमएलसी चुनाव कराने की मांग होगी ताकि 27 मई से पहले चुनाव कराया जा सके.

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इससे पहले, सोमवार को राज्य कैबिनेट ने राज्यपाल कोटे से खाली सीटों के लिए दूसरी बार राज्य के राज्यपाल के पास प्रस्ताव भेजा है. प्रस्ताव में कहा गया है कि राज्य में कोरोनावायरस के कारण स्थिति गंभीर है, ऐसे में राज्य में स्थाई सरकार की जरूरत है. इसको देखते हुए तुरंत उद्धव ठाकरे को विधानपरिषद के लिए नामित किया जाये.

शिवसेना ने साधा निशाना– राज्यपाल द्वारा कैबिनेट प्रस्ताव पर कोई जवाब नहीं देने के बाद शिवसेना ने हमला किया है. शिवसेना नेता संजय राऊत ने राज्यपाल पर राजभवन से षड्यंत्र करने का आरोप लगाया है. राऊत ने कहा कि बीजेपी के नेता बार-बार राजभवन जा रहे हैं, जिसके कारण राज्यपाल कैबिनेट के प्रस्ताव को रोक रखा है. इससे राज्यपाल की छवि धूमिल हो रही है.

क्या है पूरा मामला– महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे अभी किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं, जिसके कारण वे छह महीने से अधिक सीएम नहीं रह सकते हैं. छह महीने की मियाद 28 मई को पूरी हो जायेगी और कोरोना के कारण चुनाव आयोग ने चुनाव रद्द कर दिया है, जिसके बाद माना जा रहा है कि अगर उद्धव किसी सदन के सदस्य नहीं बनें तो, उन्हें इस्तीफा देना पड़ेगा.

महाविकास आघाड़ी की सरकार ने इसी का तोड़ निकालते हुए राज्यपाल कोटे से खाली सीटों के लिए उद्धव ठाकरे का नाम सुझा दिया और प्रस्ताव बनाकर राज्यपाल को भेजा दिया. हालांकि राज्यपाल ने अभी तक इसका जवाब नहीं दिया है.

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