Maharashtra: महाराष्ट्र की राजनीति के लिए कल का दिन काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा. एनसीपी नेता अजित पवार अन्य कई विधायकों के साथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए. केवल यहीं नहीं पार्टी के तीन विधायकों को मंत्री भी बना दिया गया. अजित पवार खुद भी उपमुख्यमंत्री बन गए हैं. इसी बीच अब खबरें हैं कि, शिंदे सरकार में शामिल होने वाले एनसीपी नेताओं में से कम से कम तीन पर मनी लॉन्ड्रिंग के तहत जांच चल रही है. इनमें अजित पवार का नाम भी शामिल है. जानकारी के लिए बता दें छगन भुजबल और हसन मुश्रीफ भी इस समय जांच का सामना कर रहे हैं.
विपक्ष ने दावा करते हुए कहा कि, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नौ विधायक केंद्रीय जांच एजेंसियों के दबाव के आगे झुककर एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार में शामिल हो गए. महाराष्ट्र में एक आश्चर्यजनक घटनाक्रम में अजित पवार ने राकांपा को तोड़ दिया और उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली. आठ अन्य एनसीपी नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली. मंत्री पद की शपथ लेने वालों में छगन भुजबल , दिलीप वालसे पाटिल , हसन मुश्रीफ , धनंजय मुंडे, अदिति तटकरे, धर्मराव अत्रम, अनिल पाटिल और संजय बनसोडे शामिल हैं.
भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने बीजेपी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल होने के बाद हसन मुश्रीफ भ्रष्टाचार के आरोपों से मुक्त हो गए हैं. विकास पर प्रतिक्रिया देते हुए, श्रीनिवास ने ट्विटर पर मुश्रीफ के महाराष्ट्र के मंत्री के रूप में शपथ लेने का एक वीडियो क्लिप पोस्ट किया और कहा, यह एनसीपी विधायक हसन मुश्रीफ हैं. कुछ दिन पहले, ईडी ने मामला दर्ज किया था, और उनके घर और चीनी कारखाने पर छापा मारा था.
राज्य में एनडीए में शामिल होने के बाद अजित पवार के साथ प्रेस को संबोधित करते हुए भुजबल ने कहा, ऐसे आरोप हैं कि हमने अपने खिलाफ लंबित मामलों के कारण यह फैसला लिया है. अजित दादा के खिलाफ कोई मामला नहीं है, यह सबसे महत्वपूर्ण मामला है. मैं बंद हूं, दूसरों के खिलाफ कोई मामला नहीं है. हसन मुश्रीफ के खिलाफ मामला है लेकिन कोर्ट समय-समय पर उन्हें अंतरिम राहत देती रही हैं, उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है.