मुंबई की एक विशेष अदालत (Special PMLA Court) ने महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक और पूर्व मंत्री अनिल देशमुख (Nawab Malik and Anil Deshmukh) द्वारा दायर उन अर्जियों को गुरुवार को खारिज कर दिया, जिसमें दोनों ने शुक्रवार को होने वाले राज्यसभा चुनाव में मतदान के लिए एक दिन की जमानत का अनुरोध किया था. देशमुख और मलिक, दोनों राकांपा के वरिष्ठ नेता हैं और वर्तमान में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा जांच किए जा रहे विभिन्न धनशोधन मामलों के सिलसिले में जेल में बंद हैं.
Mumbai | Special PMLA court rejects applications of Maharashtra minister Nawab Malik and former state minister Anil Deshmukh seeking permission to vote in Rajya Sabha elections tomorrow
— ANI (@ANI) June 9, 2022
देशमुख और मलिक ने पिछले सप्ताह विशेष न्यायाधीश आर एन रोकडे के समक्ष अस्थायी जमानत के लिए अर्जी दायर की थी. अदालत ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद गुरुवार को मलिक और देशमुख को अस्थायी जमानत देने से इनकार कर दिया. ईडी ने उनकी याचिकाओं का विरोध करते हुए कहा था कि जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत कैदियों को मतदान का अधिकार नहीं है. देशमुख को ईडी ने नवंबर 2021 में धनशोधन के एक मामले में गिरफ्तार किया था. ईडी ने मलिक को इस साल 23 फरवरी को भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों की गतिविधियों से जुड़े धनशोधन के मामले की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया था.
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महाराष्ट्र से राज्यसभा की छह सीट के लिए होने वाले चुनाव में शिवसेना के दूसरे उम्मीदवार संजय पवार के निर्वाचन के लिए शिवसेना के नेतृत्व वाले महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के लिए हर वोट महत्वपूर्ण है. राकांपा एमवीए की एक घटक है. दो दशक से अधिक समय बाद, राज्य में राज्यसभा चुनाव होगा क्योंकि छह सीट के लिए सात उम्मीदवार मैदान में हैं.
सत्तारूढ़ शिवसेना ने दो उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं, जबकि उसके सहयोगी दलों राकांपा और कांग्रेस ने एक-एक प्रत्याशी उतारे हैं. वहीं, विपक्षी भाजपा ने तीन उम्मीदवार उतारे हैं. छठी सीट के लिये मुकाबला भाजपा के धनंजय महादिक और शिवसेना के संजय पवार के बीच है.