शिवसेना की स्थापना के 56 साल बाद पहली बार मुंबई में पार्टी के दो प्रतिद्वंद्वी धड़ों के नेतृत्व में दो दशहरा रैलियां आयोजित की गयी. जिसमें शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे ने मुंबई के दादर में शिवाजी पार्क में दशहरा रैली का आयोजन किया. तो महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपने गुट के साथ बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) में रैली का आयोजन किया. रैली में दोनों ही नेताओं ने एक दूसरे पर जमकर हमला बोला.
उद्धव ठाकरे ने शिंदे को बताया रावण
शिवाजी पार्क में दशहरा रैली को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के नये मुख्यमंत्री और अपने प्रतिद्वंद्वी एकनाथ शिंदे पर जमकर हमला बोला. ठाकरे ने कहा, इस वर्ष का रावण अलग है. समय के साथ रावण भी बदल जाता है… वह अब तक 10 सिर वाला हुआ करता था… उसके पास अब कितने सिर हैं? वह 50 गुना अधिक विश्वासघात कर रहे हैं. उन्होंने आगे कहा, जब मुझे अस्पताल में भर्ती कराया गया, तो जिन लोगों को मैंने (राज्य की) जिम्मेदारी दी, वे कटप्पा बन गए और हमें धोखा दिया. वे मुझे काट रहे थे और सोच रहे थे कि मैं अस्पताल से कभी नहीं लौटूंगा. जिन्हें हमने सब कुछ दिया, उन्होंने हमारे साथ विश्वासघात किया और जिन्हें कुछ नहीं दिया, वे सब एक साथ हैं. यह सेना एक या दो की नहीं बल्कि आप सभी की है. जब तक आप मेरे साथ हैं, मैं पार्टी का नेता रहूंगा.
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Those whom we gave everything have betrayed us and those who were not given anything, are all together. This Sena is not of one or two but of all of you. As long as you are with me, I will be the leader of the party: Uddhav Thackeray pic.twitter.com/n5wU0wosv6
— ANI (@ANI) October 5, 2022
एकनाथ शिंद ने की थी उद्धव ठाकरे से बगावत और भाजपा के सहयोग से बने मुख्यमंत्री
एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के कुछ विधायकों के जून में बगावत करने के बाद राज्य में उद्धव ठाकरे नीत महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार गिर गई थी, तभी से दल दो धड़ों में बंटा हुआ है. बगावत के बाद एकनाथ शिंदे ने भाजपा के सहयोग से महाराष्ट्र में नयी सरकार बनायी और मुख्यमंत्री बने.
बाल ठाकरे दशहरा रैलियों में उग्र भाषण देने के लिए पहचाने जाते थे
दोनों खेमों ने दावा किया कि वे दिवंगत बाल ठाकरे के आदर्शों को आगे बढ़ा रहे हैं. बाल ठाकरे शिवाजी पार्क में दशहरा रैलियों में उग्र भाषण देने के लिए पहचाने जाते थे. 2012 में उनके निधन के बाद से उनके बेटे उद्धव ठाकरे इस वार्षिक रैली को संबोधित करते आए हैं. शिवाजी पार्क में दशहरा रैली कोरोना वैश्विक महामारी से जुड़ी पाबंदियों के कारण दो साल बाद आयोजित की गयी.