महाराष्ट्र में एक बड़ी राजनीतिक घटनाक्रम के तहत उद्धव ठाकरे की अगुआई वाली शिवसेना और भीमराव अंबेडकर के पोते प्रकाश अंबेडकर की अध्यक्षता वाली पार्टी वंचित बहुजन अघाड़ी ने हाथ मिला लिया है. जिससे महाराष्ट्र में बीजेपी के लिए चिंता बढ़ा दी है. चुनाव पूर्व इस गठबंधन को शिव शक्ति और भीम शक्ति का टाई-अप बताया जा रहा है.
ठाकरे और अंबेडकर गठबंधन से महाराष्ट्र की राजनीति में पड़ सकता है असर
महाराष्ट्र में 2023 में बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) और 2024 में विधानसभा का चुनाव होना है. चुनाव पूर्व इस गठबंधन के कई मायने निकल रहे हैं. इस गठबंधन से महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा असर पड़ने की उम्मीद की जा रही है.
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ठाकरे-अंबेडकर के साथ आने से महाविकास अघाड़ी को मिलेगी मजबूती
उद्धव ठाकरे और प्रकाश अंबेडकर के साथ हाथ मिलाने से महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी को और मजबूती मिलने की संभावना जतायी जा रही है. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार उद्धव ठाकरे ने महाविकास अघाड़ी के साथ गठबंधन तोड़े बिना प्रकाश अंबेडकर की पार्टी वंचित बहुजन अघाड़ी से हाथ मिलाया है. जिससे उम्मीद की जा रही है कि एमवीए को और मजबूती मिलेगी.
उद्धव ठाकरे और अंबेडकर के साथ आने से भाजपा के लिए बढ़ी चिंता
उद्धव ठाकरे की अगुआई वाली उद्धव बालासाहब शिवसेना और प्रकाश अंबेडकर की अगुआई वाली पार्टी वंचित बहुजन अघाड़ी के एक साथ आने से राज्य में बीजेपी के लिए चिंता बढ़ा दी है. इस समय महाराष्ट्र में एकनाथ शिंद की अगुआई वाली बालासाहेबंची शिवेसना, भाजपा और रामदास अठावले की अगुआई वाली रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया की सरकार है. लेकिन महाविकास अघाड़ी में अंबेडकर के साथ आने से गठबंधन और भी मजबूत होगा. महाराष्ट्र में ओबीसी, मराठों के साथ-साथ अब दलितों का दिल भी जीतने में कामयाब होगी. हालांकि वंचित बहुजन अघाड़ी पार्टी का राज्य में प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा है. पिछले चुनाव में पार्टी की एक भी सीट पर जीत नहीं हुई थी.