राजधानी मुंबई में पिछले पांच दिनों की बारिश के बाद शुक्रवार को हल्की बारिश हुई. राहत और पुनर्वास विभाग द्वारा जारी एक बुलेटिन में कहा गया कि रायगढ़, पालघर और रत्नागिरी के तटीय जिलों में पिछले 24 घंटों में मानसून की स्थिति काफी मजबूत रही है और उसके कारण भारी बारिश हुई है. वहीं, महाराष्ट्र के तटीय जिलों में भारी बारिश के कारण पिछले 24 घंटों में एक व्यक्ति की मौत हो गई और 11 मवेशियों की भी जान चली गई. अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण फंसे हुए कम से कम 254 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया.
बुलेटिन के मुताबिक महाराष्ट्र में बारिश के कारण एक जून के बाद से अब तक 67 लोगों की मौत हो चुकी है. बुलेटिन के मुताबिक राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल की बचाव टीमों ने पिछले 24 घंटों में 254 लोगों को सुरक्षित निकाला है जबकि बारिश के कारण 14 घर स्थायी रूप से क्षतिग्रस्त हो गए. इस सप्ताह हुए भूस्खलन के कारण मुंबई-गोवा राजमार्ग पर परशुराम घाट को भी वाहनों की आवाजाही के लिए अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है.
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एनडीआरएफ की 13 टीमों को तटीय महाराष्ट्र में तैनात किया गया है, जबकि कुछ टीमें पश्चिमी महाराष्ट्र के सतारा और कोल्हापुर जिलों में तैनात हैं जहां हाल में भीषण बाढ़ आई थी. इस बीच, मुंबई के लोगों को लगातार चार दिन तक भारी बारिश के बाद शुक्रवार को बारिश से कुछ राहत मिली और इसके साथ ही आम जनजीवन पटरी पर फिर से लौटने लगा. मौसम विभाग ने पहले बारिश को लेकर रेड अलर्ट घोषित किया था, लेकिन उसे फिर ऑरेंज अलर्ट कर दिया.
मुंबई और उसके पड़ोसी शहरों में शुक्रवार को हल्की बारिश के साथ आसमान में बादल छाए रहे. दक्षिण मुंबई, इसके पूर्वी उपनगरों और पश्चिमी उपनगरों में शुक्रवार सुबह आठ बजे तक 24 घंटे की अवधि के दौरान क्रमशः 28.08 मिमी, 32.64 मिमी और 51.96 मिमी की औसत वर्षा दर्ज की गई. रेड अलर्ट के कारण एनडीआरएफ की पांच टीमों को मुंबई में तैनात किया गया था और किसी भी घटना का सामना करने के लिए बृहन्मुंबई महानगर पालिका की टीमों को भी तैयार किया गया था.