Maratha Reservation: मराठा आरक्षण मामला, बोले सीएम शिंदे- कल जारी होंगे कुनबी जाति के नये प्रमाणपत्र
Maratha Reservation : मराठा समुदाय के सदस्य ओबीसी श्रेणी के तहत सरकारी नौकरियों एवं शिक्षा में आरक्षण की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शन ने तब जोर पकड़ लिया जब सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे प्रदर्शन के दूसरे चरण के तहत जालना में अंतरवाली सराटी गांव में अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठ गए.
Maratha Reservation : मराठा आरक्षण को लेकर जारी हिंसक विरोध-प्रदर्शन के बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सोमवार को कहा कि 11,530 पुराने अभिलेखों में कुनबी जाति का उल्लेख है और मंगलवार से इनके लिए नये प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे. बता दें, कुनबी जाति कृषि कार्य से जुड़ा एक समुदाय है, जिसे महाराष्ट्र में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के अंतर्गत वर्गीकृत किया गया है और इन्हें शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आरक्षण का लाभ मिलता है. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि मराठा आरक्षण मुद्दे के संबंध में उच्चतम न्यायालय में उपचारात्मक याचिका दायर करने के प्रस्ताव पर राज्य सरकार को सलाह देने के लिए विशेषज्ञों की तीन सदस्यीय समिति गठित जाएगी.
जारी है आरक्षण को लेकर प्रदर्शन
मराठा समुदाय के सदस्य अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत सरकारी नौकरियों एवं शिक्षा में आरक्षण की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शन ने तब जोर पकड़ लिया जब सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे प्रदर्शन के दूसरे चरण के तहत जालना में अंतरवाली सराटी गांव में 25 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठ गए. उनकी अपील पर कई ग्रामीणों ने गांव में राजनीतिक दलों के नेताओं का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया है. शिंदे ने यहां पत्रकारों से कहा कि मराठा समुदाय के लिए कुनबी जाति प्रमाण पत्र कैसे जारी किया जाए, इस विषय पर एक रिपोर्ट पेश करने के लिए राज्य सरकार सेवानिवृत्त न्यायाधीश संदीप शिंदे के नेतृत्व में पहले ही एक समिति गठित कर चुकी है.
कैबिनेट की बैठक में होगी चर्चा
मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा, समिति कल यानी मंगलवार को अपनी रिपोर्ट पेश करेगी और इस बारे में कैबिनेट बैठक में चर्चा की जाएगी. मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे से संपर्क करने के संबंध में शिंदे ने कहा कि एक सरकारी प्रतिनिधि मंगलवार को उनसे बातचीत करेगा. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को कुछ समय चाहिए और उन्हें हमें यह समय देना चाहिए. शिंदे ने कुछ स्थानों पर हिंसा का जिक्र करते हुए यह भी कहा कि जरांगे को आरक्षण आंदोलन के दौरान सावधानी बरतनी चाहिए. आरक्षण की मांग को लेकर जारी विरोध-प्रदर्शन ने सोमवार को उस समय हिंसक रूप ले लिया, जब भीड़ ने बीड जिले में एक राकांपा विधायक के घर में आग लगा दी.
विशेषज्ञ समिति का होगा गठन
शिंदे ने कहा एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया जाएगा जो प्रस्तावित उपचारात्मक याचिका को लेकर राज्य सरकार को परामर्श देगी. राज्य उच्चतम न्यायालय में यह उपचारात्मक याचिका दायर करेगा. विशेषज्ञ समिति में तीन सेवानिवृत्त न्यायाधीश होंगे. उन्होंने कहा मैं विस्तार में नहीं जाना चाहता कि क्यों पूर्ववर्ती सरकार राज्य में मराठा आरक्षण को बरकरार रखने में नाकाम रही. उच्चतम न्यायालय ने बंबई उच्च न्यायालय द्वारा बरकरार रखे गए आदेश को रद्द कर दिया है. मराठा संगठन ओबीसी श्रेणी के तहत आरक्षण की मांग कर रहे हैं. जरांगे ने तर्क दिया है कि सभी मराठा को कुनबी के रूप में आरक्षण दिया जाना चाहिए.
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दस्तावेजों की जांच जारी
न्यायमूर्ति शिंदे समिति निजाम शासनकाल के दस्तावेजों, वंशावली, शैक्षिक और राजस्व साक्ष्य, निजाम-युग के दौरान हस्ताक्षरित समझौतों और मराठवाड़ा में मराठा समुदाय के सदस्यों को कुनबी प्रमाण पत्र देने के लिए आवश्यक अन्य संबंधित दस्तावेजों की जांच कर रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस समिति ने 1.72 करोड़ सरकारी दस्तावेजों की जांच की है और उनमें से 11,530 रिकॉर्ड ऐसे हैं, जहां पुराने दस्तावेजों में कुनबी जाति का उल्लेख था. उन्होंने कहा, उन्हें कल से नये कुनबी जाति प्रमाण पत्र मिलेंगे. मैंने तदनुसार तहसीलदारों को निर्देश दे दिए हैं.