‘महाराष्ट्र सरकार बेशर्म’… जालना घटना को लेकर फूटा उद्धव ठाकरे का गुस्सा, प्रदर्शनकारियों से करेंगे मुलाकात
जालना में मराठाओं के लिए आरक्षण की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की लाठीचार्ज का शिवसेना (यूबीटी) विरोध किया है. पार्टी नेता उद्धव ठाकरे ने कहा कि यह राज्य सरकार 'बेशर्म' है. उन्होंने महिलाओं के साथ साथ सभी लोगों को बेरहमी से पीटा है.
शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे ने सोमवार को जालना में मराठाओं के लिए आरक्षण की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की लाठीचार्ज का विरोध किया है. ठाकरे ने घटना को लेकर महाराष्ट्र सरकार पर हमला किया है. उद्धव ठाकरे ने इस घटना को लेकर सरकार को बेशर्म करार दिया है. वहीं, उन्होंने कहा कि वो प्रदर्शनकारियों से भी मिलेंगे. एएनआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक उद्धव ठाकरे ने कहा कि यह राज्य सरकार ‘बेशर्म’ है. उन्होंने महिलाओं के साथ साथ सभी लोगों को बेरहमी से पीटा है. ठाकरे ने कहा कि घटना से यही संदेश जा रहा है कि कोई यह सरकार संदेश दे रही है अगर कोई न्याय के लिए विरोध करेगा तो हम उसका सिर तोड़ देंगे.
गौरतलब है कि उद्धव ठाकरे ने 2 सितंबर को भी जालना का दौरा किया था. इस दौरान उन्होंने केन्द्र की ओर से बुलाये जा रहे संसद के विशेष सत्र में भी मराठों को आरक्षण देने की अपील करने की बात कही थी. वहीं, उन्होंने पुलिस की लाठीचार्ज का भी विरोध किया. गौरतलब है कि शुक्रवार को जालना में मराठाओं के लिए आरक्षण की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हो गई थी . पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया था और आंसू गैस के गोले भी छोड़े थे.
जालना में प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ औरंगाबाद रहा बंद
जालना में एक सितंबर को मराठा आरक्षण की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई के विरोध में सोमवार को औरंगाबाद में बंद का आयोजन किया गया. जालना जिले के अंतरवाली सारथी गांव में शुक्रवार को पुलिस ने हिंसक भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया था और आंसू गैस के गोले छोड़े थे. मराठा आरक्षण के लिए भूख हड़ताल पर बैठे एक व्यक्ति को अधिकारी अस्पताल ले जाना चाहते थे लेकिन प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर उन्हें रोक दिया. उसके बाद पुलिस ने कार्रवाई की.
हिंसा में पुलिसकर्मियों के साथ कई लोग घायल
वहीं, जालना हिंसा में 40 पुलिसकर्मी सहित कई लोग घायल हो गए और राज्य परिवहन की 15 बसें आग के हवाले कर दी गईं. हिंसा से जुड़े करीब 360 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. वहीं पुलिसिया कार्रवाई को लेकर मराठी क्रांति मोर्चा ने बंद का आह्वान किया था जिसे उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना (यूबीटी) और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने समर्थन दिया था. एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि वालुज औद्योगिक क्षेत्र में इकाइयां चालू हैं जबकि एहतियात के तौर पर राज्य परिवहन बसें नहीं चल रही हैं.
मराठा संगठनों ने किया अजित पवार से पद छोड़ने की अपील
इधर, मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों पर जालना में पुलिस लाठीचार्ज के खिलाफ विभिन्न मराठा संगठनों ने सोमवार को पुणे जिले के बारामती शहर में प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने उपमुख्यमंत्री अजित पवार से शिवसेना-भारतीय जनता पार्टी सरकार छोड़ने को भी कहा. विपक्षी दलों शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और कांग्रेस के नेता एवं कार्यकर्ता पुणे शहर के कोथरुड इलाके में सड़कों पर उतरे और सरकार को मराठा समुदाय के धैर्य की परीक्षा नहीं लेने की चेतावनी दी. वहीं, बारामती में मराठा संगठनों के सदस्यों ने राकांपा के स्थानीय विधायक और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के खिलाफ नारे लगाए तथा उनसे शिवसेना-भाजपा सरकार से अलग होने की मांग की. सदस्यों ने गृह विभाग संभालने वाले भाजपा नेता एवं उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ भी नारेबाजी की.
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क्या है हिंसा का कारण
गौरतलब है कि शुक्रवार को जालना जिले के अंतरवाली सारथी गांव में हिंसक भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस लाठीचार्ज किया था और आंसू गैस के गोले छोड़े थे, जब प्रदर्शनकारियों ने अधिकारियों को भूख हड़ताल पर बैठे एक व्यक्ति को चिकित्सकों की सलाह पर अस्पताल में भर्ती कराने के लिए ले जाने से रोकने की कोशिश की थी. हिंसा के दौरान करीब 40 पुलिसकर्मी सहित कई लोग घायल हो गए थे, जबकि 15 से अधिक सरकारी बसों को आग के हवाले कर दिया गया था. मराठा समुदाय को महाराष्ट्र सरकार की नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में दाखिले में वर्ष 2018 में आरक्षण दिया गया था, जब फडणवीस राज्य के मुख्यमंत्री थे. हालांकि, उच्चतम न्यायालय ने मई 2021 में कुल आरक्षण की सीमा 50 फीसदी होने सहित अन्य कारणों का हवाला देते हुए इसे रद्द कर दिया था.
भाषा इनपुट से साभार