Mohan Bhagwat:मोहन भागवत ने ज्ञानवापी को लेकर दिया बड़ा बयान, कहा- हर एक मस्जिद में शिवलिंग क्यों तलाशें
ज्ञानवापी के इतिहास को हम बदल नहीं सकते. इसे न आज के हिंदुओं ने बनाया और न ही आज के मुसलमानों ने, कुछ जगहों के प्रति हमारी अलग भक्ति थी और हमने उसके बारे में बात की लेकिन हमें रोजाना एक नया मुद्दा नहीं लाना चाहिए.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat ) ने गुरुवार को कहा कि ज्ञानवापी (Gyanvapi) के इतिहास को हम बदल नहीं सकते. इसे न आज के हिंदुओं ने बनाया और न ही आज के मुसलमानों ने, कुछ जगहों के प्रति हमारी अलग भक्ति थी और हमने उसके बारे में बात की लेकिन हमें रोजाना एक नया मुद्दा नहीं लाना चाहिए. ज्ञानवापी के प्रति हमारी भक्ति है और उसी के अनुसार रास्ता निकालना ठीक है, लेकिन हर मस्जिद में शिवलिंग की तलाश क्यों?
#WATCH | "…We shouldn't bring out a new matter daily. Why should we escalate dispute? We have devotion towards #Gyanvapi and we are doing something as per that, it is alright. But why look for a Shivling in every masjid?…" says RSS chief as he speaks on Gyanvapi mosque issue. pic.twitter.com/eYLmaEEQY4
— ANI (@ANI) June 2, 2022
कोर्ट के फैसले का सम्मान
आरएसएस प्रमुख ने कहा कि हम सभी को कोर्ट के फैसले का सम्मान करना चाहिए. उन्होंने कहा कि आपसी सहमति का रास्ता हिंदुओं और मुसलानों को खोजना चाहिए. लेकिन हर बार रास्ता नहीं निकल सकता, जिसके कारण लोग अदालत जाते हैं और अगर ऐसा किया जाता है तो अदालत जो भी फैसला करे उसे स्वीकार करना चाहिए. हमें अपनी न्यायिक प्रणाली को पवित्र और सर्वोच्च मानते हुए फैसलों का पालन करना चाहिए. हमें इसके फैसलों पर सवाल नहीं उठाना चाहिए.
Also Read: ज्ञानवापी मामले पर मोहन भागवत का बड़ा बयान, कहा- मंदिर को लेकर कोई आंदोलन नहीं करेगा संघ
रूस-यूक्रेन युद्ध पर मोहन भागवत का बयान
रूस-यूक्रेन युद्ध के बारे में मोहन भागवत ने कहा कि नीति न हो तो सत्ता विकार बन जाती है. हम देख सकते हैं कि अभी रूस ने यूक्रेन पर हमला किया है. इसका विरोध किया जा रहा है लेकिन कोई भी यूक्रेन जाने और रूस को रोकने के लिए तैयार नहीं है क्योंकि, रूस के पास शक्ति है. वहीं, उन्होंने कहा कि यदि भारत पर्याप्त रूप से शक्तिशाली होता, तो युद्ध को रोक देता लेकिन ऐसा नहीं कर सकते. इस युद्ध ने हम जैसे देशों के लिए सुरक्षा और आर्थिक मुद्दों को बढ़ाया है.
हमें किसी ने नहीं जीतना
मोहन भागवत ने कहा कि हमारी विश्वविजेता बनने की कोई आकांक्षा नहीं है. हमें किसी से जीतना नहीं है. संघ सबको जोड़ने का काम करता है,जीतने के लिए नहीं. भारत किसी को जीतने के लिए नहीं बल्कि सभी को जोड़ने के लिए अस्तित्व में है.