मोहन भागवत ने कोरोना संकट पर कहा -भेदभाव बिना सबकी मदद करें, देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए काम करें
देश में कोरोना वायरस के संकट के बीच आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को कहा कि भारत के हितों की विरोधी ऐसी ताकतों के खिलाफ सतर्क रहने की जरूरत है जो स्थिति का फायदा उठाना चाहती हैं. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि संकट की इस घड़ी में प्रभावित सभी लोगों की मदद भेदभाव के बिना की जानी चाहिए और देश के आत्मनिर्भर बनने की दिशा में काम किया जाना चाहिए.
नागपुर : देश में कोरोना वायरस के संकट के बीच आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को कहा कि भारत के हितों की विरोधी ऐसी ताकतों के खिलाफ सतर्क रहने की जरूरत है जो स्थिति का फायदा उठाना चाहती हैं. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि संकट की इस घड़ी में प्रभावित सभी लोगों की मदद भेदभाव के बिना की जानी चाहिए और देश के आत्मनिर्भर बनने की दिशा में काम किया जाना चाहिए.
उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसवेक संघ के कार्यकर्ताओं के नाम ऑनलाइन संबोधन में कहा, ‘‘हमें धैर्य और शांति से काम करना होगा. कोई भय या गुस्सा नहीं होना चाहिए क्योंकि भारत विरोधी मनोवृत्ति रखनेवाले लोग इसका इस्तेमाल देश के खिलाफ कर सकते हैं.
संघ प्रमुख ने संभवत: तबलीगी जमात के लोगों से जुड़ी घटनाओं के संदर्भ में कहा कि यदि किसी ने कुछ गलत किया है तो हर किसी को अपराधी न मानें. कुछ लोग इसका दुरुपयोग करना चाहते हैं. भागवत ने संघ कार्यकर्ताओं से बिना भेदभाव लोगों की सेवा करने को कहा.
उन्होंने कहा कि जिन्हें भी सहायता की आवश्कता है, ‘वे हमारे अपने हैं. आरएसएस प्रमुख ने कहा, ‘‘संकट की इस घड़ी में सहायता करना हमारा दायित्व है. सभी 130 करोड़ भारतीय अपने हैं. यह उल्लेख करते हुए कि राहत गतिविधियों के रूप में आरएसएस लॉकडाउन के दौरान सक्रिय है, भागवत ने कहा, ‘‘इस महामारी का खतरा पूरी तरह खत्म होने तक हमें राहत कार्य जारी रखने चाहिए.
उन्होंने कहा कि भारत ने इस महामारी का सामना प्रभावी ढंग से किया है क्योंकि सरकार और लोगों ने आगे बढ़कर काम किया है. संघ प्रमुख ने कहा कि विकास का नया मॉडल होना चाहिए जो भारत को आत्मनिर्भर बनाए. उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक संभव हो, लोगों को स्वदेशी वस्तुओं का इस्तेमाल करना चाहिए