Money Laundering Case: अनिल देशमुख की जमानत याचिका पर बहस पूरी, अभी जेल में है महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री
Money Laundering Case: महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख की जमानत याचिका पर कोर्ट में आज बहस पूरी हुई. अनिल देशमुख को पिछले साल नवंबर में मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार किया था.
Money Laundering Case: भ्रष्टाचार के एक मामले में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) की जमानत याचिका पर कोर्ट में आज बहस पूरी हुई. अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह अब 20 अक्टूबर को सीबीआई की ओर से दलीलों का जवाब देंगे. तब तक के लिए सुनवाई स्थगित कर दी गई है.
मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जेल में बंद है अनिल देशमुख
बताते चलें कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता एवं महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को पिछले साल नवंबर में मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार किया था और वर्तमान में वह मुंबई स्थित आर्थर रोड जेल में बंद है. अनिल देशमुख को प्रवर्तन निदेशालय (ED) के पीएमएलए मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट से पहले ही जमानत मिल चुकी है, लेकिन वह अभी भी अपने खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के सीबीआई मामले में जेल में बंद हैं. जिसके लिए उन्होंने सीबीआई की विशष अदालत में जमानत याचिका दायर की थी.
Rs 100 crores corruption matter | Former Maharashtra Home Minister Anil Deshmukh's lawyer completes Deshmukh's bail plea argument. Additional Solicitor General Anil Singh will respond to the arguments on behalf of CBI on 20th October. Hearing adjourned till then. pic.twitter.com/GTqFvaPRtv
— ANI (@ANI) October 18, 2022
जानिए 100 करोड़ रुपये की वसूली से जुड़ा क्या है पूरा मामला
बता दें कि महाराष्ट्र के तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख ने पर मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने आरोप लगाया था कि उन्होंने शहर के रेस्तरां और बार से प्रति माह 100 करोड़ रुपये से वसूली करने का निर्देश दिया था. हालांकि, अनिल देशमुख ने अपने उपर लगाए गए आरोपों का खंडन किया. लेकिन, बंबई हाई कोर्ट द्वारा सीबीआई को उनके खिलाफ मामला दर्ज करने का निर्देश देने के बाद उन्हें अपना पद छोड़ना पड़ा था. सीबीआई के मुताबिक, शुरुआती जांच से पता चला है कि आरोपी और अन्य ने अपने आधिकारिक कर्तव्यों से कथित तौर पर अनुचित लाभ उठाने का प्रयास किया था.
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