महाराष्ट्र: पूर्व मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ वारंट, कई बार नोटिस के बावजूद ED के सामने नहीं हुए पेश

महाराष्ट्र के पूर्व अनिल देशमुख की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही है. मुंबई की एक अदालत ने मनी लॉड्रिंग केस में ED के समक्ष पेश नहीं होने पर महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री के खिलाफ वारंट जारी किया है. इससे पहले कई बार नोटिस दिए जाने के बावजूद अनिल देशमुख अभी तक ईडी के सामने पेश नहीं हुए हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 1, 2021 7:29 PM
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Money Laundering Case महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही है. मुंबई की एक अदालत ने शुक्रवार को मनी लॉड्रिंग केस में प्रर्वतन निदेशालय (ED) के समक्ष पेश नहीं होने पर महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ वारंट जारी किया है. इससे पहले कई बार नोटिस दिए जाने के बावजूद अनिल देशमुख अभी तक ईडी के सामने पेश नहीं हुए हैं.

पूर्व मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट आरएम नेर्लिकर देशमुख द्वारा आईपीसी की धारा 174 के तहत वारंट जारी किया गया है. अदालत ने कहा कि जारी किए गए समन को आरोपी और उसकी बेटी या उसके वकील ने स्वीकार किया. इसे देखते हुए प्रथम दृष्टया उसके खिलाफ मामला बनता है.

बता दें कि ईडी ने पिछले हफ्ते मेट्रोपॉलिटन कोर्ट में याचिका दायर कर मनी लॉड्रिंग केस में अनिल देशमुख के खिलाफ आईपीसी की धारा 174 के तहत कार्रवाई की मांग की थी. इस धारा में एक महीने तक का साधारण कारावास या 500 रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकता है. इस मामले में अनिल देशमुख के दो सहयोगियों संजीव पलांडे और कुंदन शिंदे को गिरफ्तार किया गया है। वे फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं. इन दोनों के अलावा जांच एजेंसी ने हाल ही में दायर अपनी चार्जशीट में बर्खास्त मुंबई पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को भी आरोपी के रूप में नामित किया है. हालांकि, चार्जशीट में देशमुख या उनके परिवार के सदस्यों को आरोपी नहीं बनाया गया है.

उल्लेखनीय है कि प्रवर्तन निदेशालय ने अनिल देशमुख और उनके सहयोगियों के खिलाफ उस वक्त जांच शुरू की थी, जब केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने 21 अप्रैल को मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह की शिकायत पर देशमुख के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी. परमबीर सिंह ने देशमुख पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था. इसके बाद देशमुख ने अप्रैल में ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.

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