बॉम्बे हाईकोर्ट की वेकेशन बेंच ने आईसीआईसीआई बैंक के पूर्व एमडी और सीईओ चंदा कोचर और दीपक कोचर की गिरफ्तारी मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है. हाईकोर्ट ने उन्हें छुट्टी के बाद अदालत के फिर से खुलने पर नियमित बेंच से संपर्क करने के लिए कहा है. आरोपितों की ओर से आईसीआईसीआई बैंक-वीडियोकॉन ऋण मामले में सीबीआई की ओर से अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था.
Bombay HC vacation bench refused to intervene in the matter of arrest of Former MD & CEO of ICICI bank Chanda Kochhar & Deepak Kochhar & has asked them to approach regular bench when court re-opens after vacation
They approached HC challenging their arrest by CBI in a loan case pic.twitter.com/0d1MFYK3yT
— ANI (@ANI) December 27, 2022
गौरतलब है कि मुंबई की एक विशेष अदालत ने ऋण धोखाधड़ी मामले में वीडियोकॉन समूह के संस्थापक वेणुगोपाल धूत को 28 दिसंबर तक केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की हिरासत में भेज दिया है वहीं, आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ और एमडी चंदा कोचर तथा उनके पति दीपक कोचर की हिरासत अवधी भी 28 दिसंबर तक के लिए बढ़ा दी है.
इस मामले में अदालत का कहना है कि यह केस गंभीर अपराध का है, जिसकी जांच अभी प्रारंभिक चरण में है. ऐसे में केस की गंभीरता को देखते हुए जांच एजेंसी को आरोपियों से पूछताछ के लिए पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए. बता दें, धोखाधड़ा मामले को लेकर केन्द्रीय जांच एजेंसी ने अदालत से कहा है कि वो इस मामले में कोचर दंपति और धूत का आमना-सामना कराना चाहती है. अदालत ने कहा कि इस मामले में नए आरोपियों की गिरफ्तारी जांच में प्रगति का संकेत देती है.
गौरतलब है कि धोखाधड़ी मामले में कोचर दंपति को जांच एजेंसी ने बीते शुक्रवार रात पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था. वहीं, सोमवार को सीबीआई ने धूत को गिरफ्तार किया था. जिसके बाद अदालत ने उन्हें सीबीआई की हिरासत में भेज दिया था. इसके बाद जांच एजेंसी ने तीनों आरोपियों को सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ए एस सैय्यद के समक्ष पेश किया, जहां, सीबीआई ने सभी आरोपियों का आमना-सामना कराने के लिए धूत और कोचर दंपत्ति की हिरासत को 3 दिनों तक बढ़ाने का आग्रह किया था.
धूत के वकील ने कही यह बात: इस मामले में धूत के वकील ने हिरासत का विरोध करते हुए कहा कि उनके मुवक्किल ने हमेशा जांच में सहयोग किया है. उन्होंने दलील दी कि गिरफ्तारी अवैध है और धूत को जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि सीबीआई के नोटिस पर धूत 19 और 20 दिसंबर को जांच एजेंसी के कार्यालय भी गए थे. इसके बाद 26 दिसंबर को जब धूत सीबीआई कार्यालय गए तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.
2020 में ईडी ने किया था गिरफ्तार: गौरतलब है कि इससे पहले 2020 में, दीपक कोचर को ईडी ने धन शोधन मामले में गिरफ्तार किया था. यहां छह महीने जेल में रहने के बाद उन्हें बॉम्बे हाई कोर्ट जमानत दे दी थी. ईडी ने उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपील की थी. हालांकि, शीर्ष अदालत ने उच्च न्यायालय के आदेश को बरकरार रखा था.
भाषा इनपुट के साथ