मुंबई : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को थप्पड़ मारने वाली टिप्पणी पर जमानत मिलने के एक दिन बाद केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को बुधवार को नासिक पुलिस से एक नया समन मिला है. एएनआई की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि एक प्राथमिकी के संबंध में भाजपा के वरिष्ठ नेता को नोटिस भेजा गया था और राणे को 2 सितंबर को पुलिस स्टेशन में पेश होने के लिए कहा गया है.
यह विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है. हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक ताजा समन उसी समय आया जब महाड अदालत के मंगलवार रात पूर्व मुख्यमंत्री को जमानत देने के आदेश की विस्तृत प्रति उपलब्ध करायी गयी. अदालत ने कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ उनकी विवादास्पद टिप्पणी पर राणे की गिरफ्तारी उचित थी, लेकिन उनकी हिरासत में पूछताछ आवश्यक नहीं थी. यह कहते हुए कोर्ट ने बेल दिया था.
राणे को मंगलवार को रत्नागिरी जिले में गिरफ्तार किया गया था. यह गिरफ्तारी ठाकरे के खिलाफ उनकी टिप्पणी के लिए शिवसेना नेताओं द्वारा दायर की गयी शिकायतों के आधार पर नासिक और पुणे सहित कई स्थानों पर उनके खिलाफ कई प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. राणे भाजपा में शामिल होने से पहले शिवसेना के साथ थे. उन्होंने आजादी के साल भूलने पर ठाकरे को थप्पड़ मारने की बात कही थी.
दरअसल ठाकरे स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में आजादी के साल भूल गये थे. इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर साल पूछा. इसका जिक्र करते हुए राणे ने कहा कि अगर मैं वहां मौजूद होता तो ठाकरे को एक जोरदार थप्पड़ लगाता. टिप्पणी ने राज्य भर में शिवसेना और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच बड़े पैमाने पर विवाद पैदा कर दिया और दोनों खेमों के वरिष्ठ नेतृत्व के बीच वाकयुद्ध शुरू हो गया है.
जहां शिवसेना नेताओं ने राणे की उस टिप्पणी की कड़ी निंदा की, जिसमें पार्टी नेता विनायक राउत ने उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल से हटाने की मांग की थी, वहीं भाजपा नेतृत्व ने राणे की कथित अवैध हिरासत के लिए महाराष्ट्र पुलिस की निंदा की. महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने यहां तक कि राणे की जमानत को राज्य सरकार के मुंह पर अदालत का ‘थप्पड़’ बताया.
केंद्रीय मंत्री को 15,000 रुपये के मुचलके पर जमानत देते हुए अदालत ने राणे को 31 अगस्त और 13 सितंबर को पूछताछ के लिए रत्नागिरी पुलिस स्टेशन में उपस्थित रहने का आदेश दिया और भविष्य में इस तरह का अपराध न करने की चेतावनी दी. मजिस्ट्रेट एसएस पाटिल ने आदेश में कहा कि राणे के खिलाफ मामला दर्ज करने वाली कुछ धाराएं गैर जमानती हैं, लेकिन उन्हें आजीवन या मौत की सजा नहीं दी जा सकती.
Posted By: Amlesh Nandan.